Last Updated: Monday, May 28, 2012, 20:54

हैदराबाद : आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने आज सरकार को एक झटका देते हुए उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया जिसमें केन्द्रीय शिक्ष संस्थानों और नौकरियों में ओबीसी आरक्षण के तहत अल्पसंख्यकों को साढ़े चार प्रतिशत का आरक्षण देने की बात है। अदालत ने कहा कि यह निर्णय केवल धार्मिक आधार पर किया गया है किसी अन्य आधार पर नहीं।
मुख्य न्यायाधीश मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इस मुद्दे को लापरवाह ढंग से निपटाने के लिए केन्द्र को आड़े हाथ लिया। पीठ ने दिसंबर 2011 को जारी उस कार्यालय आदेश (ओएम) को खारिज कर दिया जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 27 प्रतिशत आरक्षण में से अल्पसंख्यक को आरक्षण दिया गया है।
आदेश में कहा गया, वास्तव में, जिस तरह केन्द्र सरकार ने पूरे मामले को लापरवाही भरे ढंग से लिया है, उस पर हम अपनी खिन्नता जताते हैं। अदालत ने कहा, विद्वान सहायक सालीसिटर जनरल ने हमें ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिखाया जो इन धार्मिक अल्पसंख्यकों का एक सजातीय समूह या विशेष व्यवहार के हकदार वाले पिछड़े वर्ग के रूप में वर्गीकरण करने को जायज ठहरता हो। उसने कहा, लिहाजा हम यह मानते हैं कि मुस्लिम, इसाई, बौद्ध और पारसी सजातीय समूह नहीं है बल्कि भिन्न समूह हैं।
आंध्र प्रदेश के पिछड़ा जाति के नेता एवं याचिकाकार्ता आर कृष्णया की ओर से दलील देने वाले वरिष्ठ वकील के रामकृष्ण रेड्डी के अनुसार उच्च न्यायालय के आदेश से आईआईटी जैसे केन्द्रीय शिक्षण संस्थानों में किये जा चुके दाखिलों पर असर पड़ सकता है। पहले ओएम में कहा गया है कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग कानून की धारा 2(सी) में परिभाषित अल्पसंख्यक से संबंध रखने वाले शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछले वर्ग के नागरिकों के लिए साढ़े चार प्रतिशत का आरक्षण तय किया जाता है। संकल्प और दूसरे ओएम के जरिये अल्पसंख्यकों के लिए सब कोटा बनाया गया।
पीठ ने ध्यान दिलाया कि अल्पसंख्यकों से संबंध रखने वाले या अल्पसंख्यकों के लिए जैसे शब्दों के प्रयोग से संकेत मिलता है कि सब कोटा केवल धार्मिक आधार पर बनाया गया है तथा यह किसी अन्य समझ में आने लायक आधार पर तैयार नहीं किया गया है।
आदेश में कहा गया, लिहाजा, हमारे पास 22 दिसंबर 2011 के ओएम एवं संकल्प के जरिये ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण में से अल्पसंख्यकों से संबंध रखने वाले पिछड़े वर्गों के लिए साढ़े चार प्रतिशत का आरक्षण तय करने को खारिज करते हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 28, 2012, 20:54