आजम के इशारे पर उतारी जयाप्रदा की कार से लालबत्ती : अमर सिंह

आजम के इशारे पर उतारी जयाप्रदा की कार से लालबत्ती : अमर सिंह

आजम के इशारे पर उतारी जयाप्रदा की कार से लालबत्ती : अमर सिंह लखनऊ : समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता एवं लोकमंच के संयोजक अमर सिंह ने शनिवार को रामपुर में सांसद जयाप्रदा की कार से लालबत्ती हटाये जाने के तरीके पर आपत्ति जताते हुए इसके पीछे वरिष्ठ मंत्री आजम खां का हाथ होने का आरोप लगाया है। प्रदेश सरकार से संबंधित ट्रांसपोर्ट अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा खां को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त किये जाने की मांग की है।

अमर सिंह ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘यदि कार पर लालबत्ती लगाना अपराध है तो सरकार को कानून की संबंधित धाराओं के तहत जयाप्रदा को सजा दिलवानी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘मगर कार को उस समय पकड़ा जाना चाहिए था जब वह सड़क पर होती। सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कौशलेन्द्र यादव ने आजम खां की उपस्थिति में अमर्यादित तरीके से व्यवहार किया है।’

यह कहते हुए कि अब कौशलेन्द्र यादव उनकी जान के लिए खतरे की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग कर रहे है, अमर ने कहा, ‘उनके लिए सबसे सुरक्षित जगह जेल है। मैं केंद्र सरकार से कहना चाहता हूं कि दिल्ली बलात्कार कांड के बाद बने नये कानून के परीक्षण का यह सही वक्त है इससे पता चल जायेगा कि वह कानून कितना असल है।’

पूर्व सपा नेता ने कहा कि प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी से संबंधित अधिकारी के विरुद्ध तीन दिन के भीतर प्राथमिकी दर्ज करवाकर कार्रवाई सुनिश्चित करे और साथ ही मुख्यमंत्री को उस अधिकारी को निलंबित करें।

उन्होंने कहा, ‘यदि तीन दिन के भीतर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होगी तो जयाप्रदा महिला आयोग का दरवाजा खटखटायेगी और दिल्ली बलात्कार कांड के बाद बने नये कानून के तहत उच्च न्यायालय में जायेंगी।’

सिंह ने कहा कि संबंधित अधिकारी को एक महिला सांसद के घर में अनाधिकृत तरीके से प्रवेश करने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जयाप्रदा इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से भी मिलेंगी और लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का मामला भी उठायेंगी।

कभी समाजवादी पार्टी के ताकतवर महासचिव रहे सिंह ने जयाप्रदा की कार से लालबत्ती हटाये जाने के तरीके की तुलना वर्ष 1995 की दो जून को राज्य अतिथि गृह में बसपा मुखिया मायावती पर हुए हमले से करते हुए कहा, ‘जयाप्रदा को मायावती से मुलाकात करनी चाहिए, क्योंकि समाजवादी पार्टी के गुण्डों के हमले का भुक्तभोगी होने के कारण वे ही इनका दर्द समझ पायेंगी।’

उन्होंने यह भी कहा कि जयाप्रदा को उनका साथ देने की सजा भुगतनी पड़ रही है। अमर ने अभी कल ही कथित तौर पर हेमामालिनी और माधुरी दीक्षित के गाल जैसी चिकनी सड़के बनवाने जैसे विवादास्पद टिप्पणी के लिए मंत्रिपरिषद से राजाराम पांडेय की बर्खास्तगी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस तरह मंत्री राजाराम को बर्खास्त कर दिया है। क्या वे आजम खां को बर्खास्त करने की हिम्मत दिखायेंगे, जिनकी उपस्थिति में जयाप्रदा के साथ दुर्व्यवहार हुआ।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, April 14, 2013, 22:09

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