Last Updated: Wednesday, April 4, 2012, 15:20

मुंबई : महाराष्ट्र की एक विशेष अदालत ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला मामले में बुधवार को राज्य के दो नौकरशाहों को 12 अप्रैल तक के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया। ये नौकरशाह हैं निगर निगम के पूर्व आयुक्त जयराज पाठक और सेवानिवृत्त सूचना आयुक्त रामानंद तिवारी, जिन्हें सीबीआई ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था।
यह घोटाला दक्षिणी मुम्बई के कोलाबा स्थित एक मुख्य भूखंड पर सोसाइटी द्वारा बनवाई गई 31 मंजिली इमारत से संबंधित है। कारगिल के शहीदों की विधवाओं तथा युद्धवीरों के लिए बनाई गई इस इमारत के निर्माण में नियमों का उल्लंघन और फ्लैटों के आवंटन में पक्षपात की बात उजागर होने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को पद छोड़ना पड़ा था। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि पाठक और तिवारी को 12 अप्रैल तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया है। पूछताछ के बाद उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था।
पाठक 2010 में मुम्बई नगर निगम के आयुक्त थे। उनके कार्यकाल के दौरान निगम की उच्चस्तरीय समिति के अनुमोदन के बगैर इमारत की ऊंचाई 100 मीटर से अधिक बढ़ाने की अनुमति दे दी गई थी। इस इमारत में पाठक और तिवारी के बेटे को भी एक-एक फ्लैट आवंटित किया गया है। पिछले महीने सीबीआई ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ए.आर. कुमार, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) टी.के. कौल, आईएएस अधिकारी प्रदीप व्यास, पूर्व कांग्रेस विधायक कन्हैयालाल गिडवाणी, सेवानिवृत्त रक्षा अधिकारी आर.सी. ठाकुर, ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) एम.एम. वांचू और पूर्व उप सचिव (शहरी विकास) पी.वी. देशमुख शामिल हैं।
सातों की सीबीआई हिरासत मंगलवार को खत्म होने के बाद इन्हें 17 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने आरोपियों की गिरफ्तारी तब की, जब न्यायमूर्ति पी.बी. मजमूदार और आर.डी. धनुका की बम्बई उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस मामले में गिरफ्तारी में विलम्ब होने पर 12 मार्च को जांच एजेंसी से सवाल किया।
First Published: Wednesday, April 4, 2012, 20:50