Last Updated: Saturday, June 30, 2012, 20:50

मुंबई : आदर्श घोटाले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर आज भी जारी रहा और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने अपने पूर्ववर्ती विलास राव देशमुख पर यह कहकर उंगली उठाई कि देशमुख के कार्यकाल में राजस्व मंत्री के रूप में सोसायटी को भूमि आवंटित करना उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर था।
चव्हाण ने घोटाले की जांच कर रहे दो सदस्यीय जांच आयोग से कहा, मुम्बई सिटी, मुम्बई उपनगरीय क्षेत्र और पुणे सिटी से संबंधित सभी भूमि आवंटन मामले मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में आते हैं चाहे जमीन की कीमत जो भी हो। शेष महाराष्ट्र में जमीन आवंटन से संबंधित सभी मामले राजस्व मंत्री के अधिकार क्षेत्र के तहत आते हैं। देशमुख के मुख्यमंत्री काल में चव्हाण 1999 से 2003 तक राज्य के राजस्व मंत्री थे।
मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान देशमुख ने आदर्श सोसायटी को भूमि आवंटित किए जाने के पक्ष में आशय पत्र जारी किया था ।
चव्हाण ने कहा, राजस्व विभाग में फाइल अवर सचिव, उप सचिव और प्रधान सचिव जैसे विभिन्न अधिकारियों के जरिए आगे बढ़ती है। इसके बाद यह एक टिप्पणी सहित राजस्व मंत्री को भेजी जाती है ।
उन्होंने कहा, आम तौर पर राजसव मंत्री प्रधान सचिव की सिफारिशों पर चलता है और फाइल मुख्यमंत्री को भेजा है जो इस पर अंतिम फैसला करते हैं। यह उल्लेख करते हुए कि विवादास्पद सोसायटी को जमीन आवंटित किए जाने पर फैसला उन्हें नहीं लेना था, इसलिए उनके विभाग ने उनके संज्ञान में इस बात को लाने की आवश्यकता महसूस नहीं की कि जमीन स्थानीय सैन्य प्राधिकरण के कब्जे में है।
मंगलवार को अपनी गवाही में देशमुख ने कहा था कि उन्हें राजस्व विभाग ने इस बारे में सूचित नहीं किया कि संबंधित जमीन स्थानीय सैन्य प्राधिकरण के कब्जे में थी और प्लॉट पर एक बगीचा था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 30, 2012, 20:50