Last Updated: Tuesday, June 26, 2012, 11:40

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख मंगलवार को आदर्श घोटाले की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय जांच समिति के समक्ष पेश होंगे। इस जांच समिति का गठन राज्यम सरकार की ओर से किया गया है।
वहीं, आदर्श घोटाले से हाथ पीछे खींचने के प्रयास के तहत केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को एक न्यायिक पैनल से कहा था कि विलासराव देशमुख के मुख्यमंत्रित्व काल में सरकारी भूमि के आवंटन और हाउसिंग सोसायटी को अतिरिक्त एफएसआई की मंजूरी दी गई थी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर विवादास्पद सोसायटी से संबंधित फाइलों को शिंदे और देशमुख दोनों से संचालित किया था। 71 वर्षीय केंद्रीय मंत्री दो सदस्यीय जांच आयोग के समक्ष गवाही दे रहे थे जिसे राज्य सरकार ने आदर्श घोटाले की जांच के लिए गठित किया था। शिंदे ने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री बनने से पहले उक्त जमीन को आदर्श सोसायटी को आवंटित करने का फैसला हो चुका था। आदर्श के पक्ष में आशय पत्र 18 जनवरी 2003 की सुबह को जारी किया गया था और उस वक्त विलासराव देशमुख मुख्यमंत्री थे। यह मेरे निर्देश से जारी नहीं हुआ था और इसे कभी भी मेरे संज्ञान में नहीं लाया गया।
आयोग पहले ही निष्कर्ष पर पहुंच चुका है कि भूमि राज्य सरकार की थी न कि रक्षा मंत्रालय की । वह इस बात पर गौर कर रहा है कि सोसायटी को दिए गए विभिन्न मंजूरी के दौरान क्या किसी नियम का उल्लंघन हुआ ।
देशमुख पर जिम्मेदारी डालते हुए शिंदे ने कहा, ‘बेस्ट से सटे आदर्श में अतिरिक्त तल की जगह मेरे समय में मंजूर नहीं हुआ था । इसे मेरे कार्यकाल के बाद मंजूरी दी गई थी। गौर हो कि आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले की जांच कर रही न्यायिक समिति ने भी महाराष्ट्र के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने समक्ष पेश होने के लिए सम्मन भेजा था।
First Published: Tuesday, June 26, 2012, 11:40