Last Updated: Monday, September 23, 2013, 17:48

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार धर्म प्रचारक आसाराम के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जांच के लिये दायर जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति ए के पटनायक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने नाबालिगों के प्रति अपराध के मामलों की त्वरित अदालत में सुनवाई के लिये दिशा निर्देश का अनुरोध भी ठुकरा दिया। न्यायालय ने कहा कि कानून बनाना विधायिका का काम है।
यह जनहित याचिका चेन्नई निवासी डी आई नाथन ने वकील एन राजारमण के माध्यम से दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि गृह मंत्रालय को प्रत्येक जिले में पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को नाबालिगों से यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिये महिला अधिकारियों के दल को संवेदनशील बनाने का निर्देश दिया जाये ताकि ऐसे मामले की तथ्यपरक जांच हो सके।
याचिका में कहा गया था कि किशोर न्याय कानून 2000 के उद्देश्यों का पुलिस, प्रशासन और आरोपी बार बार हनन करते हुये नाबालिग पीड़ितों के निजता और जीने के अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 23, 2013, 17:48