Last Updated: Monday, March 4, 2013, 17:36

नई दिल्ली : सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) हटाने की मांग पर गत 12 सालों से अनशन पर बैठीं समाज सेविका इरोम शर्मिला ने खुद को आत्महत्या की कोशिश करने का दोषी मानने से इनकार किया है जबकि दिल्ली की एक अदालत में उनके खिलाफ आरोप तय कर दिए गए। महानगर दंडाधिकारी आकाश जैन ने उन पर आत्महत्या करने की कोशिश के मामले में आरोप तय किए हैं और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इरोम भारतीय दंड संहिता की धारा 309 के तहत उन पर दर्ज मामले में सोमवार को अदालत में हाजिर हुई थीं, जिसके चलते 30 से अधिक समर्थक सोमवार की सुबह से ही दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने इरोम शर्मिला की मांग के समर्थन में नारे लगाए। इरोम ने न्यायालय से कहा कि उन्हें अपने जीवन से प्यार है, वह अपनी जान नहीं देना चाहतीं।
शर्मिला ने अदालत में इस बात से इंकार किया कि उन्होंने 2006 में जंतर मंतर पर आत्महत्या की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ न्याय चाहती हूं। उन्होंने कहा, अगर मैं आत्महत्या करना चाहती तो शायद अब तक मर गई होती। मेरी मांग के लिए मेरा प्रदर्शन अहिंसक था, मुझे सिर्फ इंसानों की तरह जीना है। मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने शर्मिला से कहा, हम आपकी इज्जत करते हैं लेकिन अदालत आपको आत्महत्या करने की इजाजत नहीं देती।
अदालत ने उनके वकील से उन्हें यह बताने को कहा कि इस मामले में कुछ महीने की सजा का प्रावधान है और जैसा कि वह पिछले छह साल से ज्यादा समय से हिरासत में हैं, अगर वह खुद को दोषी मानती हैं तो मामले का निबटारा सोमवार को हो जाएगा। इस बीच, पटियाला हाउस अदालत के गेट नंबर दो पर उनके समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस ने इस गेट को बंद करवाया है।
गौरतलब है कि मणिपुर की इरोम शर्मिला अपने राज्य से एएफएसपीए कानून हटाए जाने की मांग को लेकर दो नवंबर 2000 से ही अनशन पर हैं। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें नाक के जरिए तरल भोजन दिया जाता रहा है। 'हमें न्याय चाहिए' का नारा लगाने वाले प्रदर्शनकारियों में शामिल मणिपुर के एक पत्रकार भवन मेइती ने कहा, हमारी मांग है कि विद्रोह को रोकने के नाम पर मणिपुर में नागरिक अधिकारों का हनन करने वाले निर्मम कानून एएफएसपीए को हटाया जाए। हम मणिपुर की 'लौह महिला' इरोम शर्मिला के साथ हैं। मेइती ने आगे कहा, यह सिर्फ हमारी या कुछ कार्यकर्ताओं की मांग भर नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा गठित समिति भी मणिपुर से एएफएसपीए हटाने की सिफारिश कर चुकी है। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 4, 2013, 10:32