Last Updated: Tuesday, June 4, 2013, 23:59

अहमदाबाद : साल 2004 के इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले की जांच कर रही सीबीआई ने मंगलवार को निलंबित आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा को यहां साबरमती केंद्रीय जेल से गिरफ्तार कर लिया।
सूत्रों ने बताया कि एक विशेष सीबीआई अदालत द्वारा अनुमति दिये जाने के बाद गिरफ्तारी की गयी। सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति के साथ फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी के तौर पर वंजारा पहले ही जेल में थे।
उन्हें बुधवार को अदालत के समक्ष पेश किया जा सकता है। सीबीआई वंजारा से और पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग करेगी। वंजारा को कल मुंबई की एक जेल से साबरमती केंद्रीय जेल लाया गया था।
मुंबई की अदालत ने सोमवार को वंजारा को अहमदाबाद की जेल में स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया था। इससे पहले शहर की सीबीआई अदालत ने इशरत जहां मामले में जांच एजेंसी को उनकी हिरासत की अनुमति दी थी।
सीबीआई अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले के जांच अधिकारी और सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक जी कलाईमणि के आवेदन पर वंजारा को गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी।
सीबीआई की शिकायत के अनुसार वंजारा ने डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच (डीसीबी), अहमदाबाद के उस दल का नेतृत्व किया था जो 15 जून 2004 को शहर के बाहरी हिस्से में इशरत जहां, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै, दो कथित पाकिस्तानी नागरिकों जीशान जौहर और अमजद अली राणा की हत्या में शामिल था।
वंजारा सीबीआई द्वारा मामले में गिरफ्तार किये गये गुजरात के सातवें पुलिस अधिकारी और दूसरे आईपीएस हैं। इससे पहले सीबीआई आईपीएस अधिकारी जी एल सिंघल के अलावा तरुण बारोट, जे जी परमार, भरत पटेल, अंजू चौधरी और एन के अमीन को गिरफ्तार कर चुकी है।
अमीन को छोड़कर सभी पांच आरोपियों को इस मामले में जमानत मिल गई क्योंकि सीबीआई उनकी गिरफ्तारी के 90 दिन के भीतर आरोपपत्र दायर नहीं कर सकी।
राज्य के एक अन्य शीर्ष पुलिस अधिकारी और अतिरिक्त डीजीपी (अपराध) पी पी पांडेय भी मामले में आरोपी हैं और फरार हैं। सीबीआई अदालत ने उनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया है।
इस बीच पांडेय ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की है और अपने खिलाफ प्राथमिकी निरस्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 4, 2013, 20:41