उत्तराखंड : बचाव कार्य युद्धस्तर पर, हजारों अब भी लापता

उत्तराखंड : बचाव कार्य युद्धस्तर पर, हजारों अब भी लापता

उत्तराखंड : बचाव कार्य युद्धस्तर पर, हजारों अब भी लापतादेहरादून : हरिद्वार से शुक्रवार को बाढ़ पीड़ितों के 40 शव बरामद किये गये जिससे इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 190 हो गई है जबकि भारी बारिश से तबाह हो चुके उत्तराखंड में आज व्यापक बचाव अभियान शुरू किया गया है और केदारनाथ तथा बद्रीनाथ से करीब नौ हजार लोगों को निकालने के लिये 40 हेलीकाप्टर सेवा में लगाये गए हैं।

बचाव अभियान के गति पकड़ने के बीच उत्तराखंड के प्रधान सचिव राकेश शर्मा ने कहा है कि हताहतों की संख्या इतनी अधिक हो सकती है जो चौंका दे’ ।

हरिद्वार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव स्वरूप ने कहा कि अचानक आई बाढ़ और भारी बारिश से मारे गये 40 लोगों के शव बरामद किये हैं।

बचाव दल पहले बारिश से तबाह हो चुके केदारनाथ में फंसे 250 लोगों को निकालने का प्रयास कर रहा है। इसके बाद बद्रीनाथ में बचाव अभियान चलाया जायेगा जहां नौ हजार लोग फंसे हुये हैं।

इसे सहस्राब्दी की सबसे भीषण त्रासदी’ करार देते हुये कृषि मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा, ‘सबसे अधिक प्रभावित केदारनाथ इलाके में पूरे आधारभूत ढांचे को इतना ज्यादा नुकसान पहुंचा है कि उससे उबरने में हमें कम से कम पांच साल लगेंगे।’
केदारनाथ इलाके की यात्रा करने वाले रावत ने कहा कि वह वहां पर पांच घंटे रहे और इमारतों और मंदिर के आसपास के इलाके में हुये व्यापक नुकसान को देखकर स्तब्ध हैं।

रावत ने कहा, ‘आस्था का केंद्र कब्रिस्तान में बदल गया है। इलाके में शव इधर-उधर पड़े हुये हैं। केवल गर्भगृह ही बचा है।’ कहा जा रहा है कि हजारों लोग अभी भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुये हैं जो ऊंचाई वाले इलाकों में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित हुये हैं। इससे कई लोगों के घर तबाह हो गये और हजारों लोग लापता हैं।

अधिकारियों ने कहा कि आज का राहत और बचाव अभियान मुख्य रूप से सबसे अधिक प्रभावित केदारनाथ इलाके में चलाया जायेगा,जहां 250 लोग फंसे हुये हैं ।

उन्होंने कहा कि इसके बाद अभियान बद्रीनाथ की ओर केंद्रित होगा जहां नौ हजार लोग फंसे हुये हैं।

First Published: Friday, June 21, 2013, 14:47

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