`उत्तराखंड में लापता लोगों को 15 जुलाई के बाद माना जाएगा मृत`

`उत्तराखंड में लापता लोगों को 15 जुलाई के बाद माना जाएगा मृत`

`उत्तराखंड में लापता लोगों को 15 जुलाई के बाद माना जाएगा मृत`देहरादून : उत्तराखंड में बाढ़ में लापता लोगों को बचाने के मामले में तेजी से बीत रहे वक्त को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने गुरुवार को निर्णय लिया है कि 15 जुलाई तक जिन लापता लोगों के संबंध में जानकारी नहीं मिलेगी उन्हें मृत मान लिया जाएगा। अगले दो दिनों तक भारी बारिश होने के पूर्वानुमान के मद्देनजर मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अधिकारियों से सतर्क रहने को कहा है।

बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड त्रासदी में कुल 3,064 लोग लापता हैं और उन्हें खोजने की अंतिम तिथि 15 जुलाई है। उन्होंने कहा, ‘त्रासदी की भयावहता को देखते हुए राज्य कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि यदि लापता लोग 15 जुलाई तक नहीं मिलते हैं तो हम यह मान लेंगे कि वे मर चुके हैं और उनके निकटतम परिजन को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।’ मौसम विभाग द्वारा कुमाऊं क्षेत्र में अगले दो दिनों में भारी बारिश होने के पूर्वानुमान के मद्देनजर बहुगुणा ने कहा कि प्रशासन को अगले 50 घंटों के लिए बहुत ज्यादा सजग रहने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इन इलाकों में राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के 250 कर्मियों को तैनात किया गया है।

इस बीच भारतीय वायुसेना लोक प्रशासन के 70 कर्मियों को केदारनाथ मंदिर परिसर ले जाया गया है ताकि वे परिसर और आसपास के स्थलों को साफ कर सकें। अधिकारी ने बताया कि मंदिर के विपरीत दिशा में शवों की खोज करने के लिए सात पर्वतारोहियों के दल को लगाया गया है। जबकि मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में टनों मलबों के नीचे दबे शवों को निकालने और मलबे को साफ करने के लिए 50 से ज्यादा विशेषज्ञों और स्वयंसेवकों के दल को काम पर लगाया गया है। (एजेंसी)

First Published: Friday, July 5, 2013, 00:19

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