Last Updated: Friday, July 27, 2012, 01:40
देहरादून : उत्तराखंड सरकार वन गुज्जरों के घुमंतू समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने वाली है। मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन की अध्यक्षता में कल हुई एक बैठक में वन गुज्जरों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का फैसला किया गया है।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित होने के बाद इस समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा तथा समाज कल्याण विभाग उनके सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए एक ठोस कार्यक्रम का खाका तैयार करेगा। बयान के मुताबिक वन गुज्जरों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे।
राजाजी नेशनल पार्क और कार्बेट नेशनल पार्क के गुज्जरों को अन्य स्थानों पर बसाया जाएगा और उनकी पहचान के लिए स्मार्ट कार्ड भी बनाया जाएगा। स्मार्ट कार्ड में उनकी अंगुली के निशान और अन्य निजी जानकारियां होंगी, ताकि वे बैंक खाता खुलवा सकें और मतदाता पहचान पत्र एवं राशन कार्ड बनवा सकें। राजाजी नेशनल पार्क के 1,390 गुज्जर परिवारों में 1,228 को हरिद्वार जिले के पाथरी और गैंदी खाता इलाकों में बसाया गया है। जैन ने बताया कि बहुत जल्द शेष 162 गुज्जर परिवारों को भी बसा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि हरिद्वार में 160 एकड़ आरक्षित वन भूमि कार्बेट नेशनल पार्क के 181 गुज्जर परिवारों के लिए आवंटित की गई है। पुनर्वास प्रक्रिया के तहत इस समुदाय को बिजली, पानी, अस्पताल, स्कूल और मूलभूत सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 27, 2012, 01:40