Last Updated: Saturday, August 31, 2013, 11:52
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना, घाघरा, शारदा और राप्ती नदियों में उफान से आई बाढ़ का कहर जारी है। पश्चिमी हिस्से से लेकर पूर्वांचल तक चारों तरफ तटवर्ती इलाकों में बाढ़ ने तबाही मचाई है। करीब एक दर्जन जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य की करीब 50 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। प्रभावित इलाकों में प्रशासन की तरफ से मदद की कोशिशें की जा रही हैं।
गंगा नदी का जलस्तर इलाहाबाद में खतरे के निशान से 0.746 मीटर, मिजार्पुर में 0.476 मीटर, वाराणसी में 1.028 मीटर, गाजीपुर में 1.835 मीटर तथा बलिया में 2.525 मीटर ऊपर है। यमुना नदी इलाहाबाद में खतरे के निशान से 0.526 मीटर, शारदा नदी लखीमपुर खीरी में 0.400 मीटर, घाघरा नदी बाराबंकी में 0.216 मीटर ,राप्ती नदी बलरामपुर में 0.160 मीटर और बूढ़ी राप्ती सिद्धार्थनगर में 0.695 मीटर से ऊपर बह रही हैं।
राज्य के करीब 39 जिले बाढ़ की चपेट में है। तटवर्ती इलाकों के गांव कहीं पर बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गए तो कहीं शहरों के तटवर्ती मुहल्लों में पांच से 10 मीटर तक पानी भर गया है। सबसे ज्यादा हालात बहराइच, गाजीपुर, बलिया, इलाहाबाद, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी जिलों में बिगड़े हैं।
बलिया के जिलाधिकारी सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि जिले की तीन लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। करीब 55 हजार परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। प्रभावित इलाकों में राहत के लिए प्रांतीय पुलिस बल (पीएसी) और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) की टीमें लगाई गई हैं।
उन्होंने कहा कि जिन इलाकों और सड़कों में गंगा नदी से कटान हो रहा है वहां पर बोरियां और पत्थर के टुकड़े डालकर अस्थाई रूप से कटान रोकने की कोशिशें की जा रही हैं। राज्य में बाढ़ और भारी बारिश से अब तक 260 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 24 घटों के दौरान महोबा जिले के ब्यौना गांव में भारी बारिश में एक कच्चे मकान की छत ढह जाने से एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 31, 2013, 11:52