Last Updated: Friday, June 28, 2013, 08:56

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने नई चीनी मिलों, को-जेनरेशन एवं आसवनी की स्थापना या स्थापित चीनी मिलों को जेनरेशन एवं आसवनी की क्षमता में वृद्धि करने वाली कंपनियों को भूमि क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी और भूमि रजिस्ट्री शुल्क में छूट या प्रतिपूर्ति उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया है।
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भटनागर ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने तथा गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग के क्षेत्र में पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि परियोजना स्थापित करने के लिए कंपनी द्वारा भूमि क्रय करने पर निबंधक द्वारा स्टाम्प ड्यूटी और भूमि रजिस्ट्री शुल्क में छूट प्रदान की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी कारण कंपनी को भूमि क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी और भूमि रजिस्ट्री शुल्क की छूट नहीं मिल पाई है तो उसे व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ करने के बाद स्टाम्प ड्यूटी और भूमि रजिस्ट्री शुल्क की प्रतिपूर्ति नियमानुसार की जाएगी।
भटनागर ने बताया कि कंपनी द्वारा भूमि क्रय करने के लिए मानक निर्धारित कर दिया गया है, जिसके तहत नई चीनी मिल 5000 टीसीडी के लिए 75 एकड़, 7500 टीसीडी के लिए 86 एकड़, 10000 टीसीडी के लिए 90 एकड़ नई चीनी मिल 5000 टीसीडी एवं कोजन के लिए 80 एकड़ 7500 टीसीडी एवं कोजन के लिए 97 एकड़ भूमि क्रय करने का मानक रखा गया है।
उन्होंने बताया कि भूमि क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्री शुल्क में छूट के लिए, किसी कंपनी द्वारा दी गई सूचना गलत पाए जाने पर छूट के रूप में दी गई राशि को 15 प्रतिशत ब्याज सहित वापस करना होगा तथा राशि वापस न करने पर यह भू-राजस्व के बकाये के रूप में वसूल की जाएगी साथ ही संबंधित चीनी मिल के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 28, 2013, 08:56