Last Updated: Tuesday, November 1, 2011, 10:52
नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में सुरक्षा संबंधी दायित्व निभाने वाले सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) ने मंगलवार को कहा कि राज्य से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (आफ्सपा) हटाए जाने का मुद्दा एक जटिल सवाल है और इसका समाधान भी बहुत साधारण नहीं है। बीएसएफ के नए महानिदेशक के रूप में कार्यभार संभालने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी यूके बंसल ने कहा कि सरकार द्वारा इस मुद्दे पर देश के व्यापक हित में कोई उचित फैसला किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (आफ्सपा) हटाए जाने का मुद्दा एक जटिल सवाल है और स्पष्ट है कि इसका समाधान भी कोई बहुत साधारण नहीं होगा। बीएसएफ प्रमुख के रूप में प्रभार संभालने से पहले गृह मंत्रालय में सचिव (आंतरिक सुरक्षा) रहे बंसल ने कहा, कुल मिलाकर मैं कह सकता हूं कि सरकार देश और क्षेत्र के व्यापक हित में कोई फैसला करेगी जिस पर चर्चा की जा रही है और बीएसएफ इसे कार्यान्वित करेगी।यह पूछे जाने पर कि यदि बल आफ्सपा के बिना काम करता है तो क्या उसके पास पर्याप्त प्रतिरक्षा है उन्होंने कहा, आफ्सपा कुछ विशेष परिस्थितियों के तहत संघ के सशस्त्र बलों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए लिए है। क्योंकि बीएसएफ भी संघ का ही एक सशस्त्र बल है इसलिए उसे भी इसके तहत एक सुरक्षा मिली। उत्तर प्रदेश कैडर के 1974 बैच के आईपीएस अधिकारी बंसल ने कहा, बीएसएफ नीति नहीं बनाती। लेकिन बीएसएफ सीमा सुरक्षा और सीमा प्रबंधन के संदर्भ में नीतियों (सरकारी) को कार्यान्वित करने के अग्रिम मोर्चे पर है।
जम्मू कश्मीर में घुसपैठ से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे आंकड़ों से खुलासा होता है कि इस साल पिछले साल के मुकाबले घुसपैठ के प्रयास कम हुए हैं। महानिदेशक ने कहा, हालांकि सफल घुसपैठ की घटनाओं का स्तर कुल मिलाकर पिछले साल जैसा ही है। करीब 2.22 लाख कर्मियों की संख्या वाला सीमा सुरक्षाबल भारत-बांग्लादेश और भारत-पाकिस्तान सीमाओं पर देश की सरहदों की रक्षा करने के साथ ही नक्सल विरोधी अभियानों में भी शामिल है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 1, 2011, 17:25