Last Updated: Monday, August 13, 2012, 22:37
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि नोएडा-आगरा प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे को लखनऊ तक बढ़ाया जाना चाहिए, जिससे कि इस क्षेत्र के किसानों एवं जनता को भी लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश की खुशहाली के लिए उच्चस्तरीय गुणवत्ता एवं सुविधाओं से युक्त सड़कों के निर्माण के पक्ष में है। आगरा से लखनऊ तक प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे में पर्याप्त अंडर-वे तथा कैटल-वे की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि दोनों तरफ सर्विस लेन का भी निर्माण कराया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री अखिलेश ने आज आगरा-लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे ग्रीन फील्ड परियोजना पर प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। यादव ने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जिन इलाकों से गुजरेगा वहां मंडियों के विकास के अलावा किसानों की उपज को बड़े बाजारों तक पहुंचाने का अवसर मिलेगा। इसी के साथ जल्दी खराब होने वाली सब्जियों एवं मौसमी फलों जैसे तरबूज एवं खरबूज को भी शीघ्रता से नगरीय क्षेत्रों में पहुंचाने की सुविधा किसानों को मिल जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से फिरोजाबाद में ग्लास सिटी की स्थापना भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूर्ण होने पर दिल्ली से लखनऊ तक की दूरी और यात्रा समय में काफी कमी आ जाएगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि सड़क मार्ग से आगरा-लखनऊ की दूरी 350 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से यह दूरी घटकर लगभग 274 किलोमीटर रह जाएगी। इस प्रकार आगरा-लखनऊ तक की यात्रा मात्र 3 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
6 लेन के प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे का विस्तार 8 लेन तक किया जा सकेगा। एक्सप्रेस-वे के निर्माण में उपजाऊ भूमि का कम से कम अधिग्रहण किया जाएगा, क्योंकि इसका अधिकांश भाग नहर की पटरियों के करीब सिंचाई विभाग तथा अन्य सरकारी जमीनों में पड़ रहा है। बाढ़ से बचाने के लिए एक्सप्रेस-वे को भूमि सतह से काफी ऊंचा रखने तथा दोनों तरफ 10 मीटर से अधिक ग्रीन फील्ड पट्टी तैयार की जाएगी। इस परियोजना की लागत लगभग 9,500 करोड़ रुपये आंकी गई है। एक्सप्रेस-वे के साथ वाटर बॉडी तथा ईको 2रेन्डली पार्क विकसित किए जाएंगे। यह एक्सप्रेस-वे फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, इटावा, मैनपुरी, कन्नौज तथा मलिहाबाद के काफी करीब से गुजरेगा। इसलिए इन शहरों को ग्रोथ सेन्टर के रूप में विकसित किया जा सकेगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 13, 2012, 22:37