Last Updated: Wednesday, June 5, 2013, 15:04
नई दिल्ली : महत्वाकांक्षी एनसीटीसी को पूरी तरह से लागू किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक ने बुधवार को कहा कि इस निकाय को ‘निरंकुश शक्तियां’ नहीं दी जानी चाहिए।
कर्नाटक के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने साथ ही यह भी कहा कि नक्सल आंदोलन उनके राज्य में सुरक्षा स्थिति को ‘निश्चित रूप से गड़बड़ करने के प्रयास में है।’ यहां आयोजित मुख्यमंत्रियों के आंतरिक सुरक्षा सम्मेलन में सिद्धरमैया ने कहा कि एनसीटीसी के गठन से पहले कुछ एहतियाती उपाय आवश्यक हैं ताकि इसे राज्यों के क्षेत्र में अतिक्रमण करने के लिए निरंकुश ताकत हासिल नहीं हो सके।
उन्होंने कहा कि केंद्र की परिकल्पना के अनुसार राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र बहुआयामी तरीके से खुफिया जानकारी एकत्र करेगा और यह कार्रवाई की योजना बनाने वाली एजेंसी होगी। आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए वर्तमान संगठनों के माध्यम से खुफिया नेटवर्क के पहले के प्रयास अपर्याप्त एवं अप्रभावी साबित हुए।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा, कर्नाटक की सरकार आंकड़ों एवं खुफिया सूचनाओं को साझा करने और आतंकवाद निरोधक गतिविधियों की योजना बनाने को महत्व को समझती है। उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सल गतिविधियां ‘धीरे-धीरे’ ‘विस्तारित’ हो रही हैं इसलिए कर्नाटक को नक्सलवाद प्रभावित राज्य की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 5, 2013, 15:04