Last Updated: Sunday, January 1, 2012, 10:12
भोपाल : मध्यप्रदेश सरकार ने चिकित्सा महाविद्यालयों एवं उनसे सम्बद्ध अस्पतालों में बच्चों एवं मानसिक रोगियों पर ‘ड्रग ट्रायल’ करने वाले बारह चिकित्सकों पर पांच-पांच हजार रूपये जुर्माना करने के साथ ही उनमें ड्रग अथवा क्लीनिकल ट्रायल 25 अक्ट्रबर 2010 से प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए हैं।
सरकारी तौर पर आज यहां कहा गया है कि ड्रग ट्रायल मामले में सम्पूर्ण प्रकरणों की समीक्षा के बाद प्रदेश में संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों एवं उनसे सम्बद्ध अस्पतालों में नए ड्रग अथवा क्लीनिकल ट्रायल को 25 अक्टूबर 2010 से प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य शासन इस बारे में शिकायतों के प्रति गंभीर है और इस दिशा में शीघ्र ही नए मापदण्ड तैयार कर दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
सरकार ने कहा है कि हालाकि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945 की सूची में शेड्यूल ‘वाई’ में ड्रग अथवा क्लीनिकल ट्रायल्स की निगरानी अथवा नियंत्रित करने आदि के प्रकरणों में राज्यों को कोई अधिकार नहीं है, फिर भी ड्रग ट्रायल्स की जानकारी प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य आयुक्त तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इंदौर द्वारा औषधि महानियंत्रक, भारत के रजिस्ट्रेशन आफ क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्रेशन में पंजीकृत होकर ड्रग ट्रायल से सम्बद्ध स्वास्थ्य विभाग के 38 संबंधित डाक्टरों को ट्रायल संबंधी जानकारी प्रस्तुत करने को निर्देशित किया गया है।
डाक्टरों ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945 के प्रावधानों का हवाला देते हुए ड्रग अथवा वैक्सीन ट्रायल की जानकारी देने में असमर्थता व्यक्त की है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 1, 2012, 15:42