Last Updated: Saturday, January 5, 2013, 22:47
हैदराबाद : आंध्र प्रदेश में हाल ही में सरकार से समर्थन वापस ले चुकी मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) को अपने नेता अकबरुद्दीन ओवैसी पर `देश के विरुद्ध युद्ध छेड़ने` जैसा गंभीर आरोप लगाए जाने के पीछे राज्य की कांग्रेस सरकार की साजिश का अंदेशा है।
पिछले महीने समाज में नफरत फैलाने वाले भाषण देने का आरोप लगाते हुए पुलिस ने दो दिन के भीतर ओवैसी के खिलाफ हैदराबाद, आदिलाबाद निजामाबाद में तीन मामले दर्ज किए हैं। अदालतों ने हैदराबाद और पड़ोसी जिले रंगा रेड्डी की पुलिस को ओवैसी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। इस धारा का उपयोग विभिन्न समूहों के बीच नफरत फैलाने वालों के लिए किया जाता है।
आदिलाबाद जिले के निर्मल कस्बे की पुलिस ने हालांकि एक कदम आगे बढ़कर धारा 121 के तहत मामला दर्ज किया है। यह धारा देश के विरुद्ध युद्ध या युद्ध का प्रयास करने वालों पर लगाई जाती है। निजामाबाद पुलिस ने भी एमआईएम विधायक के खिलाफ धारा 295ए के तहत मामला दर्ज किया है। इस धारा का प्रयोग जानबूझकर और बदनीयत से धार्मिक भावनाएं भड़काने वालों के लिए किया जाता है।
पुलिस ने शुक्रवार को ओवैसी के नाम नोटिस जारी किया था। आवैसी अपने इलाज के सिलसिले में इस समय लंदन में हैं। उन्हें आठ जनवरी को निर्मल पुलिस थाने में तथा नौ जनवरी को निजामाबाद थाने में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। एमआईएम के सूत्रों का हालांकि कहना है कि औवैसी के 16 जनवरी से पहले स्वदेश वापसी की संभावना नहीं है। एमआईएम के एक नेता ने कहा, `अकबर ओवैसी एक जनप्रतिनिधि हैं, लेकिन सरकार उन्हें अपराधी के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही है।` (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 5, 2013, 22:47