Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 17:47

मांड्या : उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार कर्नाटक ने शनिवार को तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़ना शुरू कर दिया। भाजपा सरकार ने यह कदम विपक्षी दलों की तीखी आलोचना और विरोध प्रदर्शनों के बीच उठाया है।
मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा,‘उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार हमने पानी छोड़ने का निर्णय किया है।’
किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शनों को शांत करने की कोशिश के तहत उन्होंने कहा कि साम्बा फसल को बचाने के लिए तमिलनाडु को 2.44 टीएमसी पानी छोड़ने के कर्नाटक को दिए गए शीर्ष अदालत के निर्देश के खिलाफ ‘हम सोमवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष समीक्षा याचिका दायर करेंगे।’
सिंचाई अधिकारियों ने बताया कि कृष्णराजा सागर जलाशय से आज सुबह से करीब 1250 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
रैठा संघ के सदस्यों ने अध्यक्ष केएस पुत्तूनैया के नेतृत्व में जिले के गेज्जालाजर में सड़क जाम कर पानी तत्काल रोकने की मांग की।
कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) प्रमुख बीएस येदियुरप्पा कावेरी जल विवाद पंचाट की अधिूसचना के खिलाफ केंद्र पर दबाव बनाने के लिए शुरू की गई मैसूर-बेंगलूर पदयात्रा को स्थगित कर दिया और पानी छोड़े जाने के खिलाफ प्रदर्शन के लिए कृष्णसागर जलाशय की ओर रवाना हो गए।
येदियुरप्पा ने मांग की कि शेट्टार को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा,‘भाजपा सरकार तमिलनाडु के एजेंट की तरह काम कर रही है। इसे पानी छोड़ना बंद करना चाहिए और कर्नाटक की स्थिति से अवगत कराने के लिए प्रधानमंत्री के पास प्रतिनिधिमंडल ले जाना चाहिए।’
बारिश न होने से कावेरी बेसिन के सभी जलाशयों में पानी कम हो गया है और राज्य पहले से ही पीने के पानी की किल्लत का सामना कर रहा है।
विधानसभा में कांग्रेस के नेता विपक्ष सिद्धारमैया ने भी तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ने की निन्दा की। (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 9, 2013, 17:47