कर्नाटक: मंत्री इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं

कर्नाटक: मंत्री इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं

बेंगलूर : आवासीय भूखंड हासिल करने के लिए तथ्यों को छिपाने के आरोपों से घिरे कर्नाटक के मंत्री एस सुरेश कुमार ने इस्तीफा देने के अपने फैसले से पीछे हटने से इंकार कर दिया है, हालांकि भाजपा के शीर्ष नेता उनपर इस्तीफा वापस लेने के लिए दबाव डाल रहे हैं।

कल इस्तीफा देने वाले कुमार ने कहा, कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री का पद छोड़ने के फैसले से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है। राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कई नेताओं ने उनसे संपर्क करके अपना इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया। कुमार ने समर्थन के लिए इन नेताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, मैं उन लोगों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरे इस्तीफे के बाद मेरा समर्थन किया।

मीडिया के एक वर्ग में कल इस आश्य का समाचार आया था, जिसमें आरटीआई के एक आवेदक के हवाले से आरोप लगाया गया था कि कुमार ने यहां ‘‘जी’’ श्रेणी में (मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोटे से) भूखंड लेते समय यह तथ्य छिपाया कि उनका एक रिश्तेदार पहले ही दो भूखंड प्राप्त कर चुका है। कुमार ने कहा वह चाहते हैं कि मुख्यमंत्री इस मामले में जांच बिठाएं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सच सामने आएगा। यह फैसला करने का अधिकार मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया गया है कि वह इस मामले में किसी तरह की जांच बिठाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि वह पिछले तीन दशक से राजनीति में हैं और जब कोई विवाद पैदा होता है तो लोग संदेह करने लगते हैं। लोगों के इसी संदेह को दूर करने के लिए मैंने इस्तीफा दिया। राज्य के पार्टी नेताओं ने कुमार से मिलकर इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया।

भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी नेताओं अरूण जेटली और धर्मेन्द्र प्रधान ने भी कल रात कुमार से टेलीफोन पर बात की और उनसे अपना इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया।

राज्य भाजपा अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा भी कुमार को अपने फैसले पर फिर से सोचने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कल कुमार का इस्तीफा स्वीकार करने से इंकार कर दिया था और उनसे अपने मंत्रालय का कामकाज देखते रहने को कहा था। (एजेंसी)

First Published: Sunday, June 24, 2012, 19:49

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