Last Updated: Monday, November 19, 2012, 13:08
श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर में एक अदालती फैसले के विरोध में अलगाववादियों द्वारा सोमवार को किए गए बंद से कश्मीर घाटी में जनजीवन प्रभावित रहा। पिछले सप्ताह राज्य उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि उम्रकैद का मतलब जीवनभर के लिए सजा है। अदालत ने एक वरिष्ठ अलगाववादी नेता कासिम फक्तू की याचिका पर यह आदेश सुनाया था।
फक्तू ने याचिका में कहा था कि वह निचली अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने से पहले ही 14 साल जेल में रह चुके हैं इसलिए अब उन्हें रिहा किया जाए।
कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी व जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) ने इस बंद का आह्वान किया था।
राजधानी श्रीनगर व अन्य शहरों में दुकानें बंद रहीं व परिवहन के सार्वजनिक साधन भी नहीं दिखे। केवल कुछ निजी वाहन व तीन पहिया वाहन ही सड़कों पर दिखे। पर्यटकों को सोनमार्ग व गुलमर्ग ले जाने वाले वाहन भी सामान्य रूप से चल रहे हैं।
अधिकारियों ने श्रीनगर व अन्य शहरों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति कम रही जबकि राजधानी श्रीनगर के स्कूल बंद रहे। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 19, 2012, 13:08