Last Updated: Wednesday, November 21, 2012, 10:48

ज़ी न्यूज ब्यूरो
मुंबई : मुंबई में आतंकी हमले के अकेले जीवित बजे पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब को बुधवार सुबह पुणे की यरवडा जेल में फांसी दे दी गई। कसाब को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी और बॉम्बे उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय ने इस सजा को बरकरार रखा। राष्ट्रपति ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद बुधवार सुबह 7.30 बजे यरवडा केंद्रीय जेल में उसे फांसी दे दी गई।
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का मुंबईवासियों ने पूरी सराहना की। समाज के हर तबके के लोगों ने इस कदम का जमकर जश्न मनाया। एक रिपोर्ट के अनुसार, कसाब को फांसी पर लटकाना मुंबईवासियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मुंबई शहर के निवासी अब इस बात को महसूस कर रहे हैं कि 26/11 हमले के चार साल के बाद आखिरकार उन्हें न्याय मिल गया।
सुप्रीम कोर्ट से सजा मिलने के बाद मुंबईवासी की चाहत कसाब को फांसी के तख्ते पर देखने की थी, जो आज पूरी हो गई। यहां के निवासियों का मानना था कि कसाब को फांसी देने में विलंब नही होना चाहिए।
विशेष लोक अभियोजक उज्जवल निकम ने कहा कि हां, बुधवार सुबह 7.30 बजे कसाब को यरवडा केंद्रीय जेल में फांसी दे दी गई।" निकम ने अदालत में 26/11 के आतंकवादी हमले का मामला लड़ा था। मैं अब बहुत खुश हूं। निकम ने कहा कि कसाब को फांसी पर लटका कर 26 नवंबर 2008 को हुए हमले में जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी गई है। यह देश के लिए जीत है।
मुंबई में समाज के विभिन्न तबकों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, खासकर मुस्मिल समुदाय ने कसाब को फांसी पर लटकाए जाने पर पूरा संतोष जताया है। कई लोगों ने पटाखे जलाकर जश्न मनाया।
मुंबई के प्रसिद्ध डब्बावालों ने भी कसाब को फांसी दिए जाने की खबर मिलने के बाद आतंकी का फोटो जलाकर जश्न मनाया। ट्रेन और बसों में ऑफिस आने-जाने वाले लोग भी कसाब को फांसी मिलने के बाद एक-दूसरे को बधाई देते हएु दिखे।
First Published: Wednesday, November 21, 2012, 10:47