`कांग्रेस में गणेश परिक्रमा के बूते टिकट बंटवारा बंद हो`

`कांग्रेस में गणेश परिक्रमा के बूते टिकट बंटवारा बंद हो`

इंदौर : वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जनसिंह वर्मा मानते हैं कि मध्यप्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी भाजपा को जीत की हैट्रिक बनाने से रोकने का पूरा दम-खम रखती है। लेकिन सत्ता परिवर्तन की मौजूदा संभावनाओं को भुनाने के लिये कांग्रेस आलाकमान को ‘गणेश परिक्रमा’ और ‘कोटा-परमिट’ के आधार पर चुनावी टिकट बांटने की नीति बंद करनी होगी।

वर्मा ने कहा, ‘यदि हम मिशन 2013 के तहत विधानसभा चुनावों में कामयाबी हासिल करके प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाना चाहते हैं, तो हमें अपने दल में वैचारिक परिवर्तन करना पड़ेगा और गणेश परिक्रमा तथा कोटा.परमिट के आधार पर चुनावी टिकट बांटने की नीति बंद करनी होगी।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘गणेश परिक्रमा’ की नीति से उनका मतलब उन कांग्रेस नेताओं को चुनावी टिकट दिये जाने से है, जो चुनावों के महज एक.दो महीने पहले पार्टी के बड़े नेताओं के आगे-पीछे घूमकर अचानक उनके चहेते बन जाते हैं। देवास.शाजापुर लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘सूबे के अगले विधानसभा चुनावों में गणेश परिक्रमा की नीति नहीं दोहरायी जानी चाहिये।’ उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस आलाकमान से गुजारिश कर चुके हैं कि पार्टी में ‘कोटा-परमिट’ के आधार पर टिकट बांटने की नीति भी बंद होनी चाहिये।

वर्मा ने दो टूक कहा, ‘मध्यप्रदेश में कोटा-परमिट नीति चलती है। कोई कांग्रेस नेता कहता है कि चम्बल क्षेत्र उसका है, तो कोई लीडर महाकौशल इलाके पर अपना अधिकार होने का दावा करता है। जिस दिन ये नेता यह कहने लग जायेंगे कि पूरा मध्यप्रदेश कांग्रेस का है, उस दिन पार्टी को सूबे में सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता।’ उन्होंने प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत पक्की करने के लिये पार्टी के सभी क्षत्रपों में एकता की अनिवार्य जरूरत पर जोर देते हुए कहा, ‘जनता कांग्रेस को वोट देना चाहती है। लेकिन जब वह पार्टी के बड़े नेताओं को बिखरा हुआ देखती है, तो उसका मन पलट जाता है।’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मध्यप्रदेश के बड़े कांग्रेस नेताओं के मतभेदों और मनभेदों को मिटाकर उन्हें एक मंच पर बिठाने और उनमें समन्वय बनाने का पहला फर्ज प्रदेश के प्रभारी महासचिव बीके हरिप्रसाद का है। प्रभारी महासचिव को बड़े कांग्रेस नेताओं को जोड़ने के लिये पुल की तरह काम करना चाहिये।’ मध्यप्रदेश के कांग्रेसी क्षत्रपों के तमाम आपसी मतभेदों के जल्द दूर होने की उम्मीद जताते हुए वर्मा ने कहा कि पार्टी के इन बड़े नेताओं में आपसी संवाद की शुरूआत हो चुकी है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सूबे में पिछले साढ़े नौ साल से सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा और दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में सत्ता परिवर्तन के लिये उनकी पार्टी के पास मजबूत आधार है।

वर्मा ने कहा, ‘मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की गलत नीतियों और उसकी वादाखिलाफी से खासकर किसान और नौजवान परेशान हैं। अब वे प्रदेश की सत्ता में परिवर्तन चाहते हैं।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, April 21, 2013, 14:33

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