कांस्टेबल तोमर मौत केस में 8 लोगों को क्लीन चिट

कांस्टेबल तोमर मौत केस में 8 लोगों को क्लीन चिट

कांस्टेबल तोमर मौत केस में 8 लोगों को क्लीन चिटनई दिल्ली : दिल्ली में पिछले वर्ष दिसंबर में हुए सामूहिक दुष्कर्म के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत के मामले में नामजद आठ लोगों को दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को क्लीन चिट दे दी।

दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने अदालत को बताया कि आरोपियों का सिपाही की मौत से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिला है।

लूथरा ने कहा कि लेकिन ये लोग इंडिया गेट के समीप प्रदर्शन के समय सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में संलिप्त थे।

लूथरा ने कहा, "हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड (फोन लोकेशन रिकार्ड) हैं। ये लोग सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में संलिप्त थे, लेकिन तोमर की मौत में इनकी कोई भूमिका नहीं थी।"

अदालत सिपाही की मौत मामले के आठों आरोपियों की तरफ से पेश वकील सोमनाथ भारती द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में आठ लोगों को आरोप से मुक्त करने की अपील की गई थी।

न्यायमूर्ति जी.पी. मित्तल ने इस मामले पर अंतिम दलील के लिए 20 मार्च की तारीख तय की है।

पुलिस ने आरोप लगाया था कि इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान तोमर पर हमला हुआ था और भीड़ ने उन्हें कुचल दिया था। दो गवाहों ने हालांकि यह कहा कि भीड़ को खदेड़ते हुए तोमर खुद गिर पड़े थे। उनके साथ किसी ने मारपीट नहीं की थी और न ही उन्हें कुचला गया था।

हत्या के आरोप में गिरफ्तार आठों को निचली अदालत ने 24 दिसंबर को जमानत दे दी थी।

न्यायमूर्ति मित्तल इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग को लेकर वकील गौरव कुमार बंसल द्वारा दायर याचिका पर भी सुनवाई करेंगे।

दिल्ली में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के विरोध में स्वत: स्फूर्त आंदोलन के दौरान इंडिया गेट पर प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करते हुए गिर जाने के दो दिनों बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल में तोमर की मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया था कि तोमर की मौत हृदयाघात से हुई।

याचिकाकर्ता बंसल का कहना है कि पुलिस, गवाह और डॉक्टरों के बयान विरोधाभाषी हैं, इसलिए जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए।

याचिका में कहा गया है कि पुलिस आयुक्त का बयान दो प्रदक्षदर्शियों योगेंद्र और पाउलिने की गवाही और राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के बयान से मेल नहीं खाता है।

सड़क पर गिरने के बाद बेहोश हुए तोमर को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां दो दिन बाद उनकी मौत हो गई थी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 12, 2013, 18:22

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