Last Updated: Monday, February 27, 2012, 12:47
पटना : भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (अवकाशप्राप्त) मार्कण्डेय काटजू के बयान को लेकर बिहार विधानसभा के भीतर और सदन के बाहर सोमवार को विपक्ष ने हंगामा किया।
काटजू ने बीते 25 फरवरी को एक व्याख्यान के दौरान और बाद में गया में बयान दिया था कि बिहार में मीडिया स्वतंत्र नहीं है। इसे लेकर प्रमुख विपक्षी दल राजद के सदस्यों ने विधानसभा के प्रवेश द्वार पर तथा सदन के भीतर प्रश्नकाल के दौरान और शून्यकाल के बाद हंगामा और नारेबाजी की तथा सदन से बहिर्गमन किया।
इस मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने विपक्ष का कार्यस्थगन प्रस्ताव भी अस्वीकार कर दिया। बाद में काटजू के बयान को लेकर सदन के भीतर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शून्यकाल के बाद नौक झौक हुई।
नेता प्रतिपक्ष अब्दुल बारी सिद्दिकी ने आरोप लगाया, भारतीय प्रेस परिषद एक संवैधानिक संस्था है। इसके अध्यक्ष ने कुछ बयान दिया है, जिसके खिलाफ सरकार के उपमुख्यमंत्री ने अपमानजनक ढंग से बयान दिया है। देश में संवैधानिक संस्था अपना काम करती है। काटजू ने कोई बयान दिया था तो उपमुख्यमंत्री को सही मंच पर उसका जवाब देना चाहिए था।
सदन में मौजूद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, काटजू ने अपने बयान से बिहार की छवि खराब करने का प्रयास किया है। वह संवैधानिक संस्था के प्रमुख नहीं बल्कि केंद्र द्वारा बनाये गये कानूनी संस्था के प्रमुख है। केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए कि उच्च पद पर बैठे हुए राजनीतिक बयान देने वाले व्यक्ति को रखा जाए या नहीं। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 27, 2012, 18:17