Last Updated: Friday, July 13, 2012, 21:21

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां ने बागपत जिले की असरा ग्राम पंचायत द्वारा 40 साल से कम उम्र की महिलाओं को हाट में जाने तथा घर से बाहर मोबाइल फोन पर बात करने से रोकने सम्बन्धी निर्णय को निजी फैसला बताते हुए कहा कि किसी निर्णय से कानून का उल्लंघन होने पर सरकार और कानून अपना काम करेगा ।
खां ने यहां असरा गांव की पंचायत द्वारा जारी किये गये विवादास्पद निर्णय के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं को बताया ‘अब उस गांव में क्या राय बनी, किन हालात में बनी, उसकी पृष्ठभूमि क्या है। इस पर गौर करने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक गांव के लोगों के बीच क्या राय बनी है, यह उनके आपस का घरेलू मामला है। कहने को कोई कुछ भी कह सकता है। अगर उससे कानून का उल्लंघन होता है तो उसे रोकने के लिये सरकार है।’
खां ने कहा ‘आजाद मुल्क में लोगों को अपनी जिंदगी के बारे में फैसला लेने की स्वतंत्रता है। यह पंचायत की राय हो सकती है। उनकी राय सब लोग मानें, यह जरूरी नहीं है। पंचायत ने यह बात सरकार से नहीं कही है, और ना ही सरकार किसी को मोबाइल फोन रखने या नहीं रखने के लिये पाबंद नहीं कर सकती है।’ उन्होंने पंचायत के फैसले को फरमान मानने से इनकार करते हुए कहा कि बादशाहों की जबान से निकली बात फरमान कहलाती है। गांव देहात में बैठे लोग कुछ कहेंगे तो उसे फरमान नहीं माना जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बागपत जिले में रमाला थाने के असरा गांव की ग्राम पंचायत ने गुरुवार को फरमान जारी करके 40 साल से कम उम्र की महिलाओं के बाजार जाने और गांव या गांव से बाहर मोबाइल फोन पर बात करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पंचायत ने प्रेम विवाह पर रोक लगा दी है और धमकी दी है कि इस फरमान का उल्लंघन करने वाले गांव में नहीं रहने पायेंगे। यह भी निर्देश है कि महिलाएं जब भी घर से बाहर निकले उनके सिर ढके होने चाहिए।
इस बीच, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने पंचायत के इस फैसले के बारे में जिला प्रशासन से रिपोर्ट देने को कहा है। बहरहाल, गांव के लोगों का कहना है कि पंचायत ने कोई फरमान जारी नहीं किया है, बल्कि यह निर्णय गांव में रहने वाले सभी 36 समुदाय के लोगों का सामूहिक फैसला है। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 13, 2012, 21:21