कावेरी विवाद: कर्नाटक बंद का जनजीवन पर व्यापक असर

कावेरी विवाद: कर्नाटक बंद का जनजीवन पर व्यापक असर

कावेरी विवाद: कर्नाटक बंद का जनजीवन पर व्यापक असरबेंगलूर : तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी दिये जाने के खिलाफ कन्नड संगठनों के ‘कर्नाटक बंद’ के आह्वान के कारण शहर और नदी बेसिन जिलों में सामान्य जन-जीवन प्रभावित हुआ है। बंद के दौरान पथराव की घटनाओं में कुछ बसों के शीशों को क्षति पहुंची है।

पुलिस ने बताया कि बेंगलूर शहर में कुछ लोगों ने बेंगलूर महानगर परिवहन निगम की बसों पर पथराव किया जिससे बसों की खिड़कियों के शीशे टूट गए। प्रारंभिक खबरों के मुताबिक, बंद को अच्छा समर्थन मिल रहा है । बेंगलूर और कावेरी बेसिन जिलों मांडया, मैसूर, हासन और चामराजनगर में सामान्य जन जीवन प्रभावित हुआ है।

देश की आईटी राजधानी बेंगलूर में जहां सड़कों पर आमतौर पर वाहनों की भारी भीड़ रहती थी वहां सड़कें वीरान नजर आयी और सुबह घूमने वाले कुछ लोगों को छोड़ कर आमतौर पर लोग घरों में ही बंद रहे। शहर घूमने आये कुछ लोग रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर फंसे रहे । कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (केएसआरटीसी) एवं बेंगलूर महानगर परिवहन निगम की बसें और ऑटोरिक्शा सड़कों पर नजर नहीं आए।

पुलिस अधीक्षक डी प्रकाश ने बताया कि कन्नड़ समर्थक संगठन कर्नाटक रक्षणा वेदिके से संबंध रखने वाले कार्यकर्ताओं ने नेलमंगला, अनेकल और बेंगलूर ग्रामीण जिले के डोडबलापुरा में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया। रेलवे पुलिस ने बताया कि चामुंडी एक्सप्रेस को श्रीरंगपटम में रोक लिया गया और इसे मैसूर नहीं जाने दिया गया।

कन्नड़ फिल्म उद्योग के इस बंद को समर्थन करने के कारण सिनेमा घर भी बंद रहे। केबल ऑपरेटर भी प्रदर्शन में शामिल हुए और उन्होंने कोई भी मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत नहीं किया। बंद के दौरान स्कूल और कॉलेज बंद रहे।

इस बीच, मांडया से मिली एक खबर में बताया गया है कि कावेरी नदी के किनारों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को एहतियातन हिरासत में लिया गया। प्रदर्शन के आयोजन का नेतृत्व करने वाले ‘कावेरी हितरक्षणा समिति’ से संबंध रखने वाले किसान लगातार उपवास पर बैठे हुए हैं जबकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने मांडया शहर में टायर जला कर प्रदर्शन किया। सूत्रों ने बताया कि जिले में स्थिति कुल मिला कर शांतिपूर्ण रही और पुलिस ने स्थिति पर कड़ी नजर बनाये रखी।

केन्द्रीय अध्ययन दल ने दूसरे दिन जल स्थिति का आकलन करने के लिए हरंगी, काबिनी और हेमावती के जलग्रहण क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। पुलिस ने बताया कि मांडया और मैसूर जिलों में शांतिपूर्वक प्रदर्शन का आयोजन किया गया और किसानों ने प्रदर्शन के बड़े केन्द्र मांडया जिले के श्रीरंगपटनम और गेजालबेरे में ‘रास्ता रोको’ का आयोजन किया।

किसी भी अवांछित घटना को रोकने के लिए पुलिस और अन्य बलों के 80,000 जवानों को तैनात किया गया है और सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है। उच्चतम न्यायालय द्वारा कर्नाटक से प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले कावेरी नदी प्राधिकरण के 19 सितंबर के निर्देश का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहे जाने के बाद कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु को 9000 क्यूसेक पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। (एजेंसी)




First Published: Saturday, October 6, 2012, 10:50

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