कावेरी विवाद: वार्ता नाकाम, तमिलनाडु को पानी नहीं देगा कर्नाटक

कावेरी विवाद: वार्ता विफल, तमिलनाडु को पानी देने से इनकार

कावेरी विवाद: वार्ता विफल, तमिलनाडु को पानी देने से इनकारज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

चेन्न्ई/बेंगलुरु : कावेरी जल बंटवारा विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सलाह को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार के बीच गुरुवार को बेंगलूर में हुई बातचीत नाकाम हो गई। कर्नाटक और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों के बीच हुई बैठक में कावेरी नदी जल विवाद का कोई समाधान नहीं निकला। इस वार्ता में तमिलनाडु को एक बूंद ज्यादा पानी देने के लिए कर्नाटक राजी नहीं हुआ।

विफल वार्ता के बाद पत्रकारों से बातचीत में जयललिता ने कहा कि कर्नाटक ने ज्यादा पानी देने से पूरी तरह इनकार कर दिया। जयललिता ने कहा कि हमने 32 टीएमसी फीट पानी देने के लिए आग्रह किया, लेकिन कर्नाटक ने एक भी बूंद ज्यादा पानी देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया।

जयललिता ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर अगली सुनवाई कल है। शीर्ष कोर्ट मे हम दोबारा इस मसले को उठाएंगे और इस बैठक के बारे में कोर्ट को अवगत करवाएंगे।

उधर, अपने निर्णय का बचाव करते हएु शेट्टार ने कहा कि तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ना संभव नहीं है क्यों कि 37 टीमएसी फीट पानी ही रिजवायर में है। उन्होंने पड़ोसी राज्य पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि दशकों पुराने इस विवाद के दीर्घकालीन हल के लिए इच्छुक नहीं हैं।

जयललिता और शेट्टार की यह मुलाकात सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को यह कहे जाने के बाद हुई कि कावेरी जल के बंटवारे को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच जारी विवाद को दूर करने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मिलना चाहिए। न्यायमूर्ति डी. के. जैन तथा मदन बी. लोकुर ने सोमवार को कहा था कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दोनों राज्यों के किसानों के हितों को शीर्ष प्राथमिकता देनी चाहिए। न्यायालय अब इस मामले की सुनवाई 30 नवंबर को करेगा।

First Published: Thursday, November 29, 2012, 17:19

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