किश्तवाड़ झड़पों में जख्मी भी मुआवजे के हकदार: कोर्ट

किश्तवाड़ झड़पों में जख्मी भी मुआवजे के हकदार: कोर्ट

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में हुयी झड़पों में मारे गये व्यक्तियों के परिजनों के साथ ही जख्मी व्यक्ति भी मुआवजा पाने के हकदार हैं।

प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इन हिंसक घटनाओं की न्यायिक जांच पूरी होने तक इनमें जख्मी व्यक्तियों को मुआवजा देने के खिलाफ राज्य सरकार की दलील ठुकरा दी।

मृतकों के परिजनों को पांच पांच लाख और घायलों को दो दो लाख रूपए देने संबंधी अपने कल के आदेश में बदलाव करने से इंकार करते हुये न्यायाधीशों ने कहा, ‘जख्मी भी मुआवजे के हकदार हैं। आप यह कैसे कह सकते हैं कि वे हकदार नहीं हैं?’

राज्य सरकार के वकील सुनील फर्नांडीज ने न्यायालय से कल के आदेश में सुधार का अनुरोध करते हुये कहा कि सरकार ने मृतकों के परिवार को पांच लाख रूपए और संपत्ति नष्ट होने के मामलों में दो दो लाख रूपए देने का आश्वासन दिया था लेकिन उसने घायलों को देय रकम के बारे में कुछ नहीं कहा था।

न्यायालय इन दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ और उसने अपने आदेश में बदलाव करने से इंकार कर दिया। न्यायालय ने जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के सचिव सुदेश डोगरा की जनहित याचिका पर राज्य सरकार को कोई अन्य निर्देश देने से भी इंकार कर दिया।

इसी याचिका पर न्यायालय ने कल राज्य के मुख्य सचिव को किश्तवाड़ में सांप्रदायिक हिंसा और स्थिति पर काबू पाने के लिये उठाये गये कदमों के बारे में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।

न्यायाधीशों ने कहा, ‘इस समय कोई नया निर्देश देने की आवश्यकता नहीं है। रोजाना मामले का उल्लेख न किया जाये। सिर्फ यह अकेला मामला नहीं है जिसकी हमें सुनवाई करनी है।’ याचिका में रास्ते में फंसे तीर्थयात्रियों के लिये भोजन और चिकित्सा सुविधायें मुहैया कराने तथा उन्हें सुरक्षित माछिल से बटोट लाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। किश्तवाड़ में सांप्रदायिक हिंसा में तीन व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी थी और कई अन्य जख्मी हो गये थे। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 14, 2013, 18:25

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