Last Updated: Tuesday, October 25, 2011, 15:36
नई दिल्ली : केंद्र ने मंगलवार को प्रतिबंधित उल्फा के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत की और उसकी विभिन्न मांगों पर विचार विमर्श किया। उल्फा ने संविधान में संशोधन की मांग की है ताकि असम में तीन दशक से जारी उग्रवाद की समस्या का स्थाई हल निकाला जा सके।
उल्फा की ओर से उसके प्रमुख अरविंद राजखोवा के नेतृत्व में नेताओं ने भाग लिया। उन्होंने गृह सचिव आर के सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ विभिन्न बिन्दुओं पर विचार विमर्श किया। दोनों पक्षों ने सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए बातचीत प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। यह बैठक बंद कमरे में हुई।
बैठक के बाद राजखोवा ने संवाददाताओं से कहा, यह काफी सकारात्मक बैठक थी। हमने अपनी मांगों पर बिन्दुबार चर्चा की। हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार का सकारात्मक रवैया जारी रहेगा। यह पूछे जाने पर कि सरकार की मांग पर क्या उल्फा के लोग अपने हथियार सौंप देंगे, उसके विदेश सचिव सशधर चौधरी ने कहा, हम अपने हथियारों के साथ वार्ता प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। हम आपको यह भी नहीं बता रहे कि हमारे कैडरों ने हथियार कहां रखे हैं। कैडरों को विशेष शिविर (नवनिर्माण केंद्र) में रखे जाने के सरकार के प्रस्ताव पर चौधरी ने कहा कि शिविर अभी तैयार नहीं हुए हैं। सरकार के अनुमान के अनुसार उल्फा के करीब 600 सक्रिय सदस्य हैं।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 25, 2011, 22:10