केंद्र जनविरोधी नीतियां छोड़े वरना समर्थन वापस: करुणानिधि

केंद्र जनविरोधी नीतियां छोड़े वरना समर्थन वापस: करुणानिधि

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
चेन्नई : तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और द्रमुख नेता एम. करुणानिधि ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संप्रग-2 सरकार से समर्थन वापस लेने में वह नहीं हिचकेगी।

पार्टी अध्यक्ष एम करुणानिधि ने मूल्यवृद्धि के खिलाफ समर्थकों की एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘द्रमुक गठबंधन में शामिल है। गठबंधन अलग बात है लेकिन हमारा कर्तव्य लोगों को प्रभावित करने वाली नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करना है।’ केंद्र की ओर से पेट्रोल की कीमतों में किए गए भारी इजाफे और तमिलनाडु सरकार की ओर से दूध के दाम व बस भाड़ा बढ़ाए जाने के विरोध में यह सभा आयोजित की गई थी।

88 वर्षीय द्रमुक नेता ने कहा, ‘चाहे यह भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए हो या वीपी सिंह की कैबिनेट हो’ उनकी पार्टी ने गठबंधनों से नाता तोड़ा है। करुणानिधि ने कहा, ‘जब कभी बुनियादी सिद्धांतों को नुकसान पहुंचा और गठबंधन सहयोगी होने के नाते हम मुद्दों को सुलझा नहीं पाए तो हमने विरोध की आवाज उठाने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई। हम गठबंधन से बाहर आने में नहीं हिचके और उन सिद्धांतों को बरकरार रखा।’

द्रमुक अध्यक्ष ने पेट्रोल की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी को ‘दमनात्मक’ करार दिया। करुणानिधि ने कहा कि न सिर्फ विपक्षी बल्कि यूपीए में शामिल पार्टियों के अलावा कांग्रेस नेता एवं रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भी पेट्रोल की कीमतों में हुए इजाफे पर यह कहते हुए असंतोष जताया कि यह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसका संज्ञान लेना चाहिए और आम आदमी को राहत देना चाहिए।’

पेट्रोल की कीमतों में कमी की मांग करते हुए करुणानिधि ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों को आम जनता का विश्वास जीतने के लिए उन पर बोझ कम करना चाहिए। करुणानिधि ने कहा, ‘ऐसा करने में दोनों के बीच एक प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए और उन्हें जनता का विश्वास जीतना चाहिए।’

अपनी चिर प्रतिद्धंदी और मुख्यमंत्री जयललिता पर निशाना साधते हुए करुणानिधि ने आरोप लगाया कि वह एक ‘अप्रभावशाली कैबिनेट’ की अगुवाई कर रही हैं और उनकी सरकार को लोगों का विश्वास नहीं बल्कि संपत्ति अर्जित करने की परवाह है।

First Published: Wednesday, May 30, 2012, 12:57

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