केंद्र सरकार और रुपए में नीचे गिरने की होड़ : मोदी

केंद्र सरकार और रुपए में नीचे गिरने की होड़ : मोदी

केंद्र सरकार और रुपए में नीचे गिरने की होड़ : मोदीज़ी मीडिया ब्यूरो
अहमदाबाद : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि देश में केंद्र की संप्रग सरकार और रुपए में कौन कितना नीचे गिरता है इसको लेकर होड़ लगी हुई है। रुपया निरंतर कमजोर हो रहा है जिससे महंगाई बेइंतहा बढ़ रही है। लोगों का जीना मुहाल होता जा रहा है। और खास बात यह है कि यह सब एक अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री के शासनकाल में हो रहा है। कहने का मतलब यह कि सही दिशा में फैसले लेने से स्थिति बदल सकती है लेकिन सरकार में फैसला लेने की क्षमता ही खत्म हो गई है।

अहमदाबाद में ज़ी मीडिया बिज़नेस अवार्ड समारोह को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, `जब देश आजाद हुआ था तब एक डॉलर की कीमत एक रुपए के बराबर थी और आज एक डॉलर की कीमत 60 रुपए है। सवाल यह उठता है कि ऐसा क्यों हुआ?`

इतिहास का पन्ना पलटते हुए मोदी ने कहा, `जब देश आजाद हुआ था तो ब्रिटिश सरकार को एक मोटी रकम भारत को चुकानी थी। इसके लिए अमेरिका ने दो शर्त रखी। पहली ये कि इस धन का इस्तेमाल भारत के मेधावी छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई करने के लिए वजीफे के रूप में किया जाएगा और दूसरा ये कि डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो। मोदी ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अमेरिका की दोनों शर्तों पर हामी भरी और पंडित नेहरू ने विदेश से कर्ज लेने का जो सिलसिला शुरू किया वह आज तक निरंतर जारी है।`

मोदी ने कहा, `जब एनडीए की सरकार थी और देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे तब एक डॉलर की कीमत 42 रुपए थी और आज एक डॉलर की कीमत 60 रुपए। ऐसा क्या हो गया कि नौ साल में एक डॉलर की की कीमत में 18 रुपए की वृद्धि हो गई।` मोदी ने कहा, `दरअसल सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था विकलांग हो गई है। गलत नीतियों के कारण देश नीचे गिरता चला जा रहा है। स्टॉक मार्केट पर लोगों का भरोसा नहीं रहा। महंगाई के कारण मिडिल क्लास का आदमी शेयर नहीं खरीद पा रहा है।`

मोदी ने कहा, ‘जल्द चुनाव को लेकर बहस चल रही है। किसी ने मुझसे इस बारे में पूछा। मैंने कहा कि जिस सरकार ने नौ साल से कोई फैसला नहीं किया, वह जल्द चुनाव कराने को लेकर कैसे फैसला करेगी।’ उन्होंने कहा, ‘हर देश अच्छा और बुरा समय देखता है। हमारे यहां भी ऐसा है, लेकिन ऐसा लगता है कि इस देश के नेतृत्व ने लोगों का विश्वास खो दिया है।’

गुजरात के मुख्यमंत्री ने पिछले साल मनमोहन सिंह के उस बयान को लेकर उन पर निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात में हम मानते हैं कि पैसे खेतों, कारखानों में पैदा होते हैं। पैसे श्रमिकों के पसीनों से बनते हैं। सिर्फ सही नेतृत्व की जरूरत है।’ रुपये में आई गिरावट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘रूपये में तेजी से गिरावट आ रही है। मुझे हैरानी होती है कि दिल्ली की संप्रग सरकार और रुपये में इस बात को लेकर स्पर्धा चल रही है कौन तेजी से नीचे गिरता है।’

मोदी ने आर्थिक मंदी को लेकर संप्रग सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि नेतृत्व का अभाव और नीतियों में जड़ता अर्थव्यस्था की हालत के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि स्टॉक बाजार में मध्य वर्ग का विश्वास खोना, बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में उत्साह की कमी, रूपये में गिरावट, कम बचत, कीमतों में वृद्धि तथा चालू खाते के घाटे के लिए मनमोहन सिंह की सरकार जिम्मेदार है।

गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विडंबना है कि देश में कोयले का भंडार है और बिजली संयंत्र हैं, लेकिन बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है। मोदी ने कहा, ‘‘बिजली के संयंत्र बंद पड़े हैं क्योंकि कोई नेतृत्व नहीं है और नीतियों में जड़ता है। किसानों को बिजली नहीं मिल पा रही है।’’ मोदी ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर भी हमला बोला और उनके उस सुझाव की जमकर आलोचना की जिसमें चिदंबरम ने कहा था कि लोगों को सोने में निवेश नहीं करना चाहिए।

First Published: Wednesday, July 24, 2013, 21:18

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