Last Updated: Wednesday, July 3, 2013, 16:31

नई दिल्ली : केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने कहा कि सरकार उत्तराखंड में हाल में आयी विनाशकारी बाढ़ में क्षतिग्रस्त केदारनाथ मंदिर का पुराना गौरव वापस लाने का हर संभव प्रयास करेगी। चंद्रेश कुमारी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मंदिर को हुई क्षति का आकलन करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों के एक दल को हाल में मंदिर का दौरा करने के लिए भेजा गया था। हालांकि अधिकारियों को लेकर गया हेलीकाप्टर वहां खराब मौसम के चलते उतर नहीं सका।
उन्होंने कहा, ‘उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा में केदारनाथ मंदिर को नुकसान पहुंचा। हमने नुकसान का आकलन और यह पता लगाने के लिए एक दल वहां भेजा था कि उसका पुराना स्वरूप कैसे बहाल किया जा सकता है..दुर्भाग्य से खराब मौसम के चलते दल में शामिल लोग वहां नहीं पहुंच सके।’ मंत्री ने कहा कि मौसम साफ होते ही दल को वहां भेजा जाएगा। वर्तमान समय में पुनर्वास के साथ ही सड़कों का निर्माण प्राथमिकता है।
चंद्रेश कुमारी ने कहा, ‘दल को मंदिर को हुई क्षति और उसकी मरम्मत पर होने वाले खर्चे का आकलन करना होगा। हम राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद यह कार्य जल्द से जल्द शुरू करना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि मंदिर को ‘काफी नुकसान’ हुआ है। उन्होंने कहा कि मंदिर की मरम्मत का कार्य शुरू करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को राशि मुहैया करा दी गई है। उत्तराखंड सरकार भी योगदान देगी तथा मंत्रालय इस प्रक्रिया में सार्वजनिक भागीदारी प्रोत्साहित करेगी। मंत्री ने हालांकि मंदिर का पुराना गौरव लौटाने में अन्य राज्य सरकारों की किसी भी भूमिका से इनकार किया।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की पेशकश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमें स्मारक का संरक्षण करना होगा। यदि हम संरक्षण कार्य अन्य को सौंपेंगे तो वे इसे अपने ढंग से करेंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पास सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ हैं। वे मंदिर का पुराना गौरव लौटाने का कार्य उसके मूल स्वरूप को ध्यान में रखते हुए करेंगे।’ उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ऐतिहासिक इमारतों के पुनर्निर्माण कार्य कराता है और यह कार्य उन पर छोड़ दिया जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 3, 2013, 16:31