केरल HC ने बीएटीएल पर केंद्र से मांगा स्पष्टीकरण

केरल HC ने बीएटीएल पर केंद्र से मांगा स्पष्टीकरण

कोच्चि : केरल हाईकोर्ट ने आज केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि क्या ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड की सहायक कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस तिरुवनंतपुरम (बीएटीएल) एक निजी कंपनी है या सरकारी कंपनी। केंद्र से न्यायमूर्ति सीके अब्दुल रहीम ने केन्द्र सरकार को इस संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने इंटक से संबद्ध ब्रह्मोस स्टाफ एसोसिएशन और सीटू से संबद्ध ब्रह्मोस कर्मचारी संघ की याचिका पर यह निर्देश दिया। कर्मचारियों ने राज्य सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती दी है जिसमें कंपनी को केरल रिकॉग्निशन ऑफ ट्रेड यूनियन एक्ट, 2010 के प्रावधानों से कंपनी को छूट दी गई है।

राज्य सरकार के अनुसार वह बीएटीएल में व्यवसाय संघ गतिविधियों की अनुमति देने के खिलाफ है क्योंकि यह देश के लिए रक्षा तैयारियों और संगठन के निर्बाध काम करने को प्रभावित कर सकता है। संगठन मिसाइल परियोजना के लिए जरूरी घटकों के निर्माण में शामिल है।

इस संबंध में यह दलील श्रम एवं पुनर्वास विभाग की अवर सचिव पी स्नेहलता द्वारा दायर हलफनामे में उस वक्त दी गई, जब याचिका सुनवाई के लिए अदालत के समक्ष आई। अधिकारी ने कहा कि अधिसूचना अवैध नहीं है। राज्य ने कहा कि केंद्र सरकार का ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के जरिए बीएटीएल पर नियंत्रण है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, July 13, 2013, 19:47

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