Last Updated: Sunday, August 5, 2012, 00:36

गांधीनगर : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कई सप्ताहों से जोर शोर से चल रहे अभियान को एक नयी दिशा देते हुए उनके पूर्ववर्ती केशुभाई पटेल ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़ दी और वह दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में गुजरात के इस सशक्त सख्श को चुनौती देने के लिए कल नये राजनीतिक दल की घोषणा करेंगे।
पटेल आज यह कहते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री कांशीराम राणा के साथ पार्टी से निकल गए कि यह एक व्यक्ति की पार्टी बन गयी है और घोषणा की कि वह असली भाजपा बनायेंगे।
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को अपना त्यागपत्र भेजने के बाद उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, कांशीराम राणा और मैंने पिछले 60 साल से पार्टी की सेवा की और हमें पार्टी से त्यागपत्र भेजते हुए बड़ा दुख हो रहा है। हमने यहां इस दल को पाल-पोसकर बड़ा किया। हम पार्टी नहीं बदल रहे बल्कि हम असली भाजपा बनाने जा रहे हैं। दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे पटेल सौराष्ट्र क्षेत्र में कभी अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रभावशाली नेता थे फिलहाल वह कुछ समय से प्रदेश राजनीति में हाशिए पर चल रहे हैं। भगवा पार्टी के इस अतिमहत्वपूर्ण गढ़ में कितना हद तक वह मोदी और भाजपा को नुकसान पहुंचा पाते हैं, अभी यह देखा जाना बाकी है।
भाजपा से पटेल के जाने और नयी पार्टी बनाने से राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले के महीनों में राजनीतिक समीकरण में उलटफेर नजर आ सकता है। राज्य के पूर्व गृहमंत्री गोवर्धन जफाड़िया की महागुजरात पार्टी के इसमें विलय की संभावना है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि इससे राज्य में तीसरी ताकत उभरकर सामने आ सकती है जो भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देगी।
पटेल ने कहा, भाजपा असली भाजपा नहीं रही जिसे हमने तैयार किया था। यह पार्टी एक व्यक्ति की पार्टी बनकर रह गयी है और अपने सिद्धांतों से दूर चली गयी है।उन्होंने कहा, मैं अपनी नयी पार्टी के गठन की कल घोषणा करूंगा। भाजपा नेतृत्व ने वर्ष 2001 में केशुभाई को गुजरात के मुख्यमंत्री के पद से अप्रत्याशित ढंग से हटा दिया था और उनका स्थान मोदी ने लिया था।
पटेल ने कहा, इस पकी हुई उम्र में, मैं सत्ता हथियाने के लिए नयी पार्टी नहीं बना रहा क्योंकि लोगों से मुझे बहुत कुछ मिला। मेरा एकमात्र लक्ष्य लोगों को बेहतर विकल्प उपलब्ध कराना है। सूरत से प्रभावशाली नेता और राजग सरकार में केंद्रीय कपड़ा मंत्री रहे राणा ने कहा, वाजपेयीजी ने एक बार मोदी से राजधर्म का पालन करने को कहा था और उसे से प्ररित होकर हमने प्रजाधर्म का पालन करने का फैसला किया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 5, 2012, 00:36