Last Updated: Monday, July 23, 2012, 23:43
गुवाहाटी : असम के कोकराझार जिले में आज हुई ताजा हिंसा के बाद दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया है और पूरे जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। जातीय हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है।
इस बीच, केंद्र ने शांति बहाल करने में स्थानीय प्रशासन की सहायता करने के लिए अर्धसैनिक बल के 1,400 कर्मी भेजे हैं। ‘बोडोलैंड क्षेत्रीय स्वायत्त जिला’ (बीटीएडी) के पुलिस महानिरीक्षक एसएन सिंह ने बताया, हमने देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में बढ़ती हिंसा पर रोक लगाने के लिए अनिश्चितकालीन कफ्र्यू लगा दिया है। सेना ने लोगों को भरोसा दिलाने के लिए फ्लैग मार्च भी किया है, जबकि धुबरी और चिरांग जिला प्रशासन ने शाम छह बजे से लेकर कल सुबह छह बजे तक कफ्र्यू लगा दिया है। इन जिलों में भी हिंसा फैल गई है।
सिंह ने बताया कि जिले में अर्धसैनिक बल की नौ अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं जबकि सेना कानून व्यवस्था बहाल करने में सहयोग कर रही है। कोकराझार तथा चिरांग जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रवासियों और आदिवासी बोडो समुदाय के बीच झड़प में मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है क्योंकि बीटीएडी जिलों से दो और शव बरामद हुए हैं।
दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस को लोगों ने कोकराझार और गोसाईंगांव के बीच रोक दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे राहत शिविरों में जा रहे थे, उस वक्त बदमाशों ने उनके मकान क्षतिग्रस्त कर दिए। ‘ऑल असम माइनरिटी यूनियन’ (एएमएसयू) ने इन घटनाओं के खिलाफ दिन भर के बंद का आह्वान किया था। पुलिस ने बताया कि बंद के दौरान एएमएसयू के सदस्यों ने सत्तारूढ़ बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के एक कार्यालय और बोडो छात्रों के एक छात्रावास को धुबरी में आग के हवाले कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि हालात का जायजा लेने के लिए मंत्री रॉकीबुल हुसैन और नजरूल इस्लाम ने प्रभावित इलाके का दौरा किया।
उधर, नयी दिल्ली से प्राप्त खबर के मुताबिक केंद्र ने हिंसा प्रभावित जिलों में स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिए अर्धसैनिक बल के 1,400 कर्मियों को असम भेजा है। गौरतलब है कि जातीय हिंसा ने करीब 8,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्य में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पहले से तैनात अर्धसैनिक बल के 9,000 कर्मियों के अतिरिक्त इन बलों को भेजा गया है।
इस घटना से चिंतित केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने प्रदेश के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई से फोन पर बात की। गोगोई ने चिदंबरम को ताजा घटनाक्रम और संकटग्रस्त इलाके में हालात सामान्य करने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाये गए कदमों से अवगत कराया। बहरहाल, केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह सहित गृहमंत्रालय के अधिकारी राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं और हालात सामान्य करने के लिए सभी संभावित मदद की पेशकश की है।
सूत्रों ने बताया कि असम सरकार के अधिकारियों ने गृहमंत्रालय को सूचित किया कि करीब 8,000 वर्ग किलोमीटर इलाके के 400 गांवों में हिंसा फैल गई है। इसबीच, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने बताया है कि असम के निचले इलाके में जारी हिंसा के मद्देनजर पूर्वोत्तर क्षेत्र में ट्रेन सेवाएं बाधित हुई हैं।
एनएफआर के मुख्य जन संपर्क अधिकारी एस हाजोंग ने बताया, कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति के चलते ट्रेनों के परिचालन पर असर पड़ा है और विभिन्न स्टेशनों पर यात्री फंस गए। हाजोंग ने बताया कि ट्रेन सेवाएं बहाल करने के लिए कोशिशें जारी हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 23, 2012, 23:43