Last Updated: Saturday, October 29, 2011, 11:03
गाजियाबाद : अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के प्रमुख सदस्यों पर पिछले कुछ दिनों से लग रहे आरोपों के बीच टीम अन्ना ने शनिवार को अपनी कोर कमेटी को भंग करने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार के हमलों का टीम मजबूती से जवाब देगी।
कोर कमेटी की यहां हुई बैठक में आम सहमति से फैसला किया गया कि इसे भंग नहीं किया जाएगा। बैठक में पारित प्रस्ताव के बारे में संवाददाताओं से बातचीत में टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘कोर कमेटी को भंग करने का सवाल ही नहीं उठता।’ कश्मीर पर दिए गए बयान के बाद विवाद में आए प्रशांत भूषण को टीम में रखने या नहीं रखने के सवाल पर अरविंद ने कहा, ‘हम सब बंद मुट्ठी की तरह साथ हैं।’ उ
न्होंने केंद्र की संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘सरकार जन लोकपाल के मुद्दे से देश का ध्यान बंटाने के लिए और आंदोलन की छवि खराब करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है और कोर कमेटी के सदस्यों पर हमले कर रही है। इसका हम मजबूती से जवाब देंगे और देश का ध्यान लोकपाल के मुद्दे से नहीं हटने देंगे।’
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में आए लाखों रुपए के चंदे को अरविंद केजरीवाल द्वारा संचालित एक एनजीओ के खाते में जमा करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन पिछले पांच साल से अस्तित्व में है। अक्टूबर 2010 से यह संगठन आंदोलन के खातों का संचालन कर रहा है। रालेगण सिद्धी में हुई कोर कमेटी की बैठक में तय हुआ था कि आगे भी पीसीआरएफ जिम्मेदारी निभाता रहेगा।
केजरीवाल ने वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आर्थिक सहयोग देने वालों से चैक पीसीआरएफ के नाम लिए जाते रहे हैं और इसका पूरा विवरण आंदोलन की वेबसाइट पर मौजूद है। कोर कमेटी में बदलाव या विस्तार के सवाल पर टीम के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा कि टीम के पुनर्गठन और उसे मजबूती प्रदान करने की गुंजाइश हमेशा बनी रहेगी और भविष्य में आवश्यकतानुसार ऐसा किया जाएगा लेकिन फिलहाल इसकी जरूरत नहीं लगती।
उन्होंने हिसार में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करने के फैसले को जायज ठहराते हुए कहा कि कमेटी में आम सहमति से यह फैसला किया गया था और अगर सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित नहीं करती तो अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी हिसार जैसा आंदोलन चलाया जाएगा।
सदस्यों के बीच कोई मतभेद नहीं होने पर जोर देते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘बैठक में सदस्यों का विचार था कि लाखों स्वयंसेवकों ने कोर कमेटी के सदस्यों के साथ मिलकर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है और कमेटी को भंग करने की जरूरत नहीं है।’ टीम से दो प्रमुख सदस्यों राजेंद्र सिंह और पीवी राजगोपाल के इस्तीफों के संदर्भ में केजरीवाल ने कहा कि बैठक में भी इस विषय पर चर्चा हुई और सभी सदस्यों को खेद है कि दोनों सदस्यों ने टीम से अलग होने की जानकारी मीडिया में दी। इसके बजाय उन्हें कमेटी के सदस्यों के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए थी।
इन दोनों सदस्यों के आरोपों पर केजरीवाल ने कहा कि राजगोपाल और राजेंद्र सिंह ने पिछले ढाई-तीन महीने से कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा नहीं लिया और उन्हें फैसलों की जानकारी नहीं थी। केजरीवाल ने कहा कि दोनों ने उन पर और किरण बेदी पर घमंडी होने का आरोप लगाया है लेकिन हमारा उनसे कोई मतभेद नहीं है।
उन्होंने टीम के प्रमुख सदस्य कुमार विश्वास द्वारा अन्ना हजारे को कोर कमेटी में बदलाव के लिए कल लिखी चिट्ठी मीडिया को सार्वजनिक करने पर भी खेद जताया। साथ ही कहा कि कुमार से कोई मतभेद नहीं है और वह हमारे साथ हैं। केजरीवाल और प्रशांत भूषण बैठक में हुई चर्चा पर अन्ना को जानकारी देने के लिए आज रात रालेगण सिद्धी रवाना होंगे। बैठक में मेधा पाटकर, संतोष हेगड़े और दिल्ली के आर्क बिशप विंसेंट एम कांसेसाओ ने भी शिरकत नहीं की। इनके अलावा 25 सदस्यीय कमेटी के अन्य सभी सदस्यों ने बैठक में हिस्सा लिया। लोकपाल विधेयक को लेकर टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य तीन-चार नवंबर को संसदीय स्थाई समिति के समक्ष भी जाएंगे।
सरकार द्वारा लोकपाल को संवैधानिक संस्था बनाने पर जोर देने की संभावना के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि संवैधानिक संस्था बनाई जाए तो अच्छी बात है लेकिन एक सख्त कानून लाना होगा और यह भ्रम फैलाना गलत है कि संवैधानिक संस्था के पास ज्यादा अधिकार होंगे। किरण बेदी पर आयोजकों से बिजनेस श्रेणी का हवाई यात्रा का किराया लेने और कम किराये में यात्रा करने के मुद्दे पर उठे विवाद पर केजरीवाल ने कहा कि यह उनका और आयोजकों के बीच का निजी मामला है और कमेटी का मानना है कि इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, October 29, 2011, 23:32