Last Updated: Wednesday, June 12, 2013, 18:30

मुंबई : मुंबई की एक अदालत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ जारी वारंट बुधवार को उनके पेश होने के बाद रद्द कर दिया। यह मामला अक्टूबर 2008 में उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा के एक कालेज में रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा के दौरान हिंसा से जुड़ा हुआ है।
यह वारंट राज ठाकरे के बांद्रा अदालत में पेश नहीं होने पर 10 जून को जारी किया गया था। ठाकरे आज अदालत में पेश हुए। इसके बाद वारंट रद्द कर दिया गया। इस बीच संबंधित घटनाक्रम में ठाकरे ने मामले में बरी किए जाने का अनुरोध किया और कहा कि कालेज में परीक्षा के दौरान जब हिंसा हुई, उस समय वह वहां मौजूद नहीं थे। उन्होंने यह दलील भी दी कि हिंसा में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
अदालत ने बरी करने संबंधी ठाकरे के आवेदन पर अभियोजक से एक जुलाई तक जवाब देने को कहा है। पुलिस ने नवंबर 2009 में मनसे प्रमुख और पार्टी के 20 कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपपत्र में 31 गवाहों का जिक्र किया गया था, जिनमें 14 महाराष्ट्र के हैं।
गवाहों के बयान के अनुसार मनसे कार्यकर्ता कालेज परिसर में घुस आए, नारेबाजी की, प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका फाड़ दिए तथा कुछ परीक्षार्थियों के साथ बदसलूकी की। गवाहों का बयान मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल आरोपपत्र का हिस्सा है। मनसे ने उस समय आरोप लगाया था कि रेलवे ने परीक्षा के बारे में स्थानीय लोगों को जानकारी नहीं दी थी और उत्तर भारत के समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराया गया था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 12, 2013, 18:30