क्या भूख-गरीबी की दवा बन सकता है FDI : सपा

क्या भूख-गरीबी की दवा बन सकता है FDI : सपा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) ने आज प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रति कांग्रेस के ‘प्रेम’ पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एफडीआई की वकालत के पीछे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का दबाव साफ झलकता है।

सपा के प्रान्तीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने यहां एक बयान में कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान में कल कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपना पूरा जोर एफडीआई को उचित ठहराने पर लगा दिया, मानो यह देश की अस्मिता और विकास के लिये अत्यन्त आवश्यक हो। एफडीआई की वकालत के पीछे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का दबाव स्पष्ट झलकता है।

उन्होंने कहा, कांग्रेस की रैली में ना तो महंगाई पर चर्चा हुई और ना ही रसोई गैस मूल्यवृद्धि एवं उसका कोटा तय करने पर। समझ में नहीं आता कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को पूरी तरह लागू कराने के लिये कांग्रेस इतनी परेशान क्यों है। क्या यह कोई जादुई चिराग है जिससे देश की मंद आर्थिक गति तेज हो जाएगी।

चौधरी ने कहा कि क्या एफडीआई जनता की भूख, कुपोषण और गरीबी की दवा बन सकती है। सचाई यह है कि कांग्रेस की अर्थतंत्र की समझ के चलते देश में आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि खुदरा बाजार में एफडीआई लाने से बेहतर है कि केन्द्र सरकार समाजवादी चिंतक डाक्टर राम मनोहर लोहिया की ‘दाम बांधो’ नीति का अनुसरण करे। (एजेंसी)

First Published: Monday, November 5, 2012, 20:43

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