Last Updated: Tuesday, October 1, 2013, 23:45

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी शहर से अचानक लापता हुए एक युवक की सनसनीखेज ह्त्या का खुलासा करते हुए बाराबंकी पुलिस ने उसकी बेवफा पत्नी और उसके हत्यारे प्रेमी को गिरफ़्तार कर उसके नाजायत रिश्ते की खौफनाक कहानी का राज खोला है, जिसमें छिपा था उसके अपने पति की ह्त्या का सच।
पुलिस की गिरफ्त में आई बेवफा पत्नी ने न सिर्फ अपने रिश्ते की नाजायज कहानी सुनाकर सबको हैरान कर दिया बल्कि उसके हत्यारे प्रेमी ने उस रिश्ते को भी तार-तार कर दिया। जिस रिश्ते के चलते वो आज कई महीनों से अपने मरने वाले मौसेरे भाई के वहां रहकर देवर और भाभी के पवित्र रिश्ते को नापाक करता रहा। पुलिस ने गुमशुदा युवक के शरीर से निकले खून की एक मामूली छींट के सहारे हत्यारों को पहुचा दिया सलाखों के पीछे।
मामला बाराबंकी के कोतवाली देवा क्षेत्र के उमरी गांव का है जहां 30 साल के एक युवक लाल जी की रहस्यमय गुमशुदगी के राज के पीछे उसकी 28 वर्षीय बेवफा पत्नी कविता और उसका 30 साल का अपना ही मौसेरा भाई विश्वनाथ ही निकला, जिसने अपने अवैध संबंधों के चलते अपने ही मौसेरे भाई लाल जी की निर्मम ह्त्या करवाने की सुपारी एक रंजीत नाम के युवक को दी थी। कविता का कथित प्रेमी व मृतक लाल जी का मौसेरा भाई विश्वनाथ जिसने न सिर्फ लाल जी की ह्त्या करवाने की पूरी कहानी का सच पुलिस को बयां किया बल्कि उसने अपने और मरने वाले युवक की पत्नी के बीच नाजायत रिश्तों की कहानी का सच भी लोगों के सामने उजागर कर सभी को सन्न कर दिया।
पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी ने अपने दोनों के बीच नाजायज रिश्ते की कहानी का न सिर्फ सच बयां किया बल्कि उसने ये भी पुलिस को बताया की मृतक लाल जी को मरवाने के लिए उसने भाड़े के एक हत्यारे को 10 हजार रुपये की सुपारी भी दी थी, जो लाल जी की ह्त्या करने के बाद से ही फरार है, जिसे पुलिस तलाश कर रही है। लेकिन पुलिस ने आरोपी की सर्ट पर पड़े एक खून के छीटे के सहारे खुल दिया ह्त्या का सच पुलिस ने बताया की जब आरोपियों ने लाल जी की ह्त्या करवा डाली तो आरोपी विश्व नाथ मौके पर ये देखने गया था की कही लाल जी जिंदा तो नहीं है लेकिन लाल जी के शरीर से निकली खून की एक बूंद आरोपी के कपड़े पर जा गिरी थी जिस खून ने लाल जी की ह्त्या का राज खोल दिया।
बाराबंकी पुलिस के बताए अनुसार उसे लखनऊ के चिनहट कोतवाली से फोन आया की एक महिला अपने रिश्तेदार के साथ अपने पति की गुमशुदगी दर्ज करवाने कोतवाली आई है, लेकिन उसके साथ जो उसका रिश्तेदार है उसकी सर्ट पर खून का एक बूंद देखा गया है, जिससे मामला कुछ संदिग्ध ही लग रहा है जिसके बाद दोनों को लखनऊ की चिनहट पुलिस ने बाराबंकी पुलिस को सौप दिया और जब बाराबंकी पुलिस ने उस खून के छीटों की जांच करवाई तो मामला खुलकर सामने आ गया जिसके बाद पुलिस ने लाल जी की गुमशुदगी का राज खोलते हुए दोनों के नाजायत रिश्तों की कहानी का सच भी बाराबंकी के लोगों के सामने उजागर कर दिया जिस खुलासे के बाद मृतक लाल जी के घर वालों के भी होश उड़ गए। मृतक लाल जी की मां के अनुसार 19 सितम्बर की रात को एक अज्ञात नंबर से फोन लाल जी के मोबाइल फोन पर आया की उनके छोटे भाई अनुज का लखनऊ के चिनहट में किसी कार से उनका एक्सिडेंट हो गया है वो वहा फ़ौरन पहुंचे। जिसके बाद लाल जी का कही कुछ अता पता न चल सका।
गुम हुए लाल जी को पता लगाने के लिए ही पुलिस की गिरिफ्त में आए ये दोनों आरोपी लखनऊ के चिनहट कोतवाली पहुंचे थे, लेकिन विश्वनाथ की सर्ट पर पड़ा लाल जी के खून का एक छीटा उनके गुम होने का राज खोल दिया और दोनों पहुच गए सलाखों के पीछे। आरोपी विश्व नाथ के अनुसार लाल जी की ह्त्या करवाने के लिए ही उसने लाल जी के मोबाइल फोन पर उसके भाई की झूठी दुर्घटना होने की सूचना दी थी, जिससे उसकी रस्ते में ह्त्या करवाई जा सके। जैसे ही लाल जी अपने घर से लखनऊ के लिए निकले उसने उस भाड़े के हत्यारे को भी फोन कर सूचना दे दी की लाल जी को रास्ते से हटा दो लेकिन कुछ मिनट बाद ही वो भी वहां पहुच गया जहां लाल जी की लाश पड़ी थी, लेकिन लाल जी के शरीर से निकला एक खून का छींटा उनकी ह्त्या के सारे राज खोल दिए। जिसके बाद न सिर्फ लाल जी का हत्यारा मौसेरा भाई पुलिस के शिकंजे में आ गया बल्कि उसकी बेवफा पत्नी भी सलाखों के पीछे पहुच गई। जिस नाजायत रिश्तों को जिंदा रखने के लिए ये लाल जी की ह्त्या करवाने का ये घिनौना खेल खेला गया जिसके बाद दोनों पुलिस के शिकंजे में आ गए। पुलिस ने लाल जी की ह्त्या के मामले में तीन लोगो को नामजद करते हुए दो लोगों को गिरिफ्तार कर भाड़े के हत्यारे को अब भी तलाश कर रही है जिसने लाल जी की ह्त्या करने की सुपारी ली थी।
प्रेम प्रसंग बना हत्या की वजह कहते है प्यार अंधा होता है और प्यार की कोई उम्र भी नही होती। प्यार की कई कहानियां हैं। प्यार में प्रेमी प्रेमिका अपनी जान तक दे देते हैं लेकिन अब प्यार का अंधापन इतना जानलेवा हो गया है की प्रेमी अपने प्यार के लिए किसी की भी जान ले लेते हैं। इंदौर के अर्जुन सिंग राजपूत के साथ भी कुछ एसी ही घटना हुई।
घटना एक अगस्त 2013 की है। रतलाम के नामली के पास सड़क किनारे एक अग्यात व्यक्ति की लाश मिलने की सूचना पुलिस को मिली। पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर लाश का पंचनामा बनवाया। मृतक के पास मिली डायरी में कुछ लोगों के नंबर मिले थे। पुलिस ने उन नंबरों पर फोन लगाया तो पता चला की म्रातक इंदौर निवासी है और उसका नाम अर्जुन सिंग पिता मानसिंघ राजपूत है 35 वर्षीय अर्जुन सिंग इनडोर के तुलसी नगर का निवासी था। मृतक के परिजनों से संपर्क किया गया लेकिन किसी को नहीं पता कि मृतक रतलाम के नामली कैसे पहुंचा। पुलिस ने मृतक अर्जुन सिंघ की पत्नी से भी पूछताछ की लेकिन पत्नी ने भी मृतक पति के नामली में होने की जानकारी से इनकार कर दिया।
पूछताछ में यह जरूर पता चला की मृतक का रिश्ते में कोई भाई है जो नामली में रहता है, लेकिन उससे भी पूछताछ मे कोई जानकारी नहीं लगी। मृतक नामली में अपने भाई के यह गया ही नहीं था और न ही उसने एसी कोई सूचना भाई को दी थी कोई सबूत या जानकारी नहीं मिलने से पुलिस के सामने यह अंधा कत्ल एक बसी समस्या बन गया। रतलाम एसपी जीके पाठक ने इसके लिए एक स्पेशल जांच टीम बनाई। इस टीम में एडीशनल एसपी प्रशांत चौबे, डीएसपी सजय मुले, व नामली थाना प्रभारी सहित 9 कर्मियों की एक टीम बनाई, जिसमें दो साइबर सेल के कर्मचारी थे। टीम ने इस मामले की जांच दोबारा शुरू की सभी से दोबारा पूछताछ हुई।
पुलिस ने अपनी पूछताछ का दायरा बढ़ाया और मृतक के दोस्तों से भी पूछताछ की गई। जिसमें पुलिस को एक लिंक मिला की मृतक अर्जुन सिंग की पत्नी के अवैध संबंध मृतक के दोस्त गोपाल से थे। गोपाल से सख्ती से पूछताछ पर पूरे मामले का खुलासा हुआ कि गोपाल और मृतक अर्जुन सिंग की पत्नी के संबंधों की जानकारी पति अर्जुन सिंग को हो चुकी थी और इसका विरोध भी मृतक ने किया था। इसी के चलते आरोपी दोस्त गोपाल ने प्रेमिका के पति को मारने प्लान बनाया और अपने एक सहयोगी दोस्त अनिल मराठा निवासी इंदौर की मदद से उसकी कार में अर्जुन सिंग को उसके भाई से मिलवाने के बहाने रतलाम के नामली की और लाया। आरोपियों ने रतलाम के बिलपांक टोल नाके के पास कार को रोका और वहीं अर्जुन सिंग की धारदार हथियार से सिर में वार कर हत्या कर दी। इसके बाद मृतक को बिलपांक से नामली 35 किलोमीटर मृत अवस्था में ही कार मे ले जाकर हाईवे पर सड़क किनारे फेंक दिया, जिससे घटना एक्सिडेंट लगे और आरोपी उसी रात वापस इंदौर चले गए।
पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी गोपाल सुलेदिया को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक की पत्नी को घटना की जानकारी होने के बाद भी छुपाए जाने के आरोप में दोषी बनाया गया है। आरोपी के दोस्त अनिल मराठा और मृतक की पत्नी की तलाश की जा रही है।
मुंबई में गैंगवार, अपराधी की हत्या मुंबई के भांडुप में बीती रात एक चाल में चल रहे जुए के अड्डे पर हुई गोलीबारी में संतोष चव्हाण नाम के एक अपराधी की हत्या कर दी गई। वारदात में संतोष का साथी जमालुद्दीन भी गंभीर रूप से जख्मी हुआ। बताया गया कि रात करीब ग्यारह बजे संतोष जुए के इस अड्डे पर आया था। जुए के अड्डे पर उसके पहुंचने की खबर उसके विरोधियों को भी मिल गई और उसने वहां पहुंचकर संतोष की हत्या कर दी।
पुलिस को आशंका है कि जुए के अड्डे पर हुई ये वारदात मुंबई में गैंगवार की एक बार फिर शुरुआत का भी रूप ले सकती है। फिलहाल पुलिस इस मामले की हर दृष्टिकोण से जांच पड़ताल कर रही है।
उत्पीड़न के चंगुल से छूटी नाबालिग लड़की दिल्ली के पॉश इलाके वसंतकुंज से उत्पीड़न की शिकार एक नाबालिग लड़की को आजाद कराया गया है। झारखंड की रहने वाली ये लड़की यहां की एक कोठी में घरेलू नौकरानी का काम किया करती थी। आरोप है कि उसकी मामूली गलती पर भी कोठी की मालकिन और उसकी बेटी इस लड़की की जमकर पिटाई किया करती थी।
लड़की के मुताबिक उसे सजा देने के लिए कई बार कुत्ते से भी कटवाया गया। पड़ोसियों की शिकायत पर एक एनजीओ ने इस लड़की को यहां से आजाद कराया। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है।
First Published: Tuesday, October 1, 2013, 23:45