क्राइम रोकने को कामकाज सुधारे दिल्‍ली पुलिस: दिल्‍ली हाईकोर्ट

क्राइम रोकने को कामकाज सुधारे दिल्‍ली पुलिस: दिल्‍ली हाईकोर्ट

क्राइम रोकने को कामकाज सुधारे दिल्‍ली पुलिस: दिल्‍ली हाईकोर्ट  नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में गत 16 दिसंबर को हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के चार दोषियों को सजा सुनाए जाने को लेकर यहां की एक अदालत पर नजरें टिकने के बीच दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘बर्बर’ घटना के बाद दिए गए निर्देशों के बावजूद शहर में बढ़ते अपराध पर गुरुवार को चिंता जताई। अदालत ने पुलिस से कहा है कि इस स्थिति में सुधार के लिए उसे प्रयास करने चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग की पीठ ने कहा कि इस अदालत द्वारा 16 दिसंबर की बर्बर सामूहिक बलात्कार की घटना का संज्ञान लेने के दौरान कई निर्देश देने के बावजूद घटनाएं हो रही हैं। इन निर्देशों को लागू किया जाना असली मुद्दा है और आपको (पुलिस को) कामकाज के तंत्र में सुधार करने की आवश्यकता है।

पीठ ने कहा कि अदालत के आदेश को लागू करना असली मुद्दा है। अदालत ने विशेष लोक अभियोजक दायन कृष्णन को पुलिस बल में रिक्त पदों की संख्या के बारे में विवरण देने का निर्देश दिया। उसने दिल्ली पुलिस से हलफनामा दायर कर सहायक उपनिरीक्षक, उप निरीक्षक और निरीक्षकों के रिक्त पदों और महिला कर्मियों की संख्या बताने का भी निर्देश दिया है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, September 12, 2013, 20:03

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