Last Updated: Thursday, October 25, 2012, 15:16

पणजी : गोवा में खनन गतिविधियों को फिर से शुरू करने पर जारी अनिश्चितता के बीच मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा है कि इसका समाधान अदालत नहीं बल्कि सरकार ढूंढ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राज्य में अयस्क उत्खनन और परिवहन पर तब तक के लिए रोक लगा दी जब तक एमबी शाह आयोग द्वारा बतायी गई अनियमिताओं की जांच कर रही केन्द्रीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की रिपोर्ट नहीं आ जाती। दिवंगत मंत्री मातान्ही सलदान्हा की जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कल रात पणजी में पार्रिकर ने कहा कि मुझे इस तरह के आदेश पर गहरी आपत्ति है। इस तरह की स्थिति में सरकार को ऐसा कर सकती है।
राज्य सरकार ने दस सितंबर को सभी खनन पट्टों को निलंबित कर दिया था और बाद में अक्तूबर के पहले सप्ताह में उच्चतम न्यायालय ने गोवा में लौह अयस्क उत्खनन और परिवहन पर लोक लगाने का आदेश जारी किया था। अगर यह प्रतिबंध जारी रहता है तो खनन कार्य पर निर्भर लोगों को अपना आजीविका खोने का डर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस सरकार ने खनन कार्य को रोकती है।
शाह आयोग ने रिपोर्ट दी है कि पिछले 12 साल के दौरान अवैध खनन के कारण राजकोष को लगभग 35,000 करोड़ रूपये का नुकसान पहुंचा है। खदान मालिकों से रूपये की वसूली का हवाला देते हुए पार्रिकर ने कहा कि अगर राज्य से कुछ लूटा गया है तो उसे वसूला जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 25, 2012, 14:55