Last Updated: Friday, April 19, 2013, 00:15
गाजियाबाद : नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में पहले की एक थ्योरी पर सवालिया निशान लग गया है। पहले कहा जा रहा था कि आरुषि के कमरे से आने वाली कोई आवाज उससे सटे कमरे, यानी आरुषि के माता-पिता का कमरा, में सुनाई नहीं दे सकती थी जबकि सीबीआई ने गुरुवार को कहा कि दोनों कमरों के बीच की एक दीवार में एक खोखला हिस्सा था। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक स्थानीय अदालत को बताया कि आरुषि और उसके माता-पिता के कमरों के बीच ईंट से बनी एक दीवार थी जिसे प्लाईबोर्ड शीट से ढका गया था।
अपने निरीक्षण के दौरान मामले के जांच अधिकारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ए.जी.एल. कौल को संदेह हुआ कि प्लाईबोर्ड शीट से ढकी दीवार में कहीं-कहीं खोखलापन था। जब कौल ने इस बाबत सवाल किया था तो तलवार परिवार के सदस्यों ने उनसे कहा था कि पहले वहां एक दरवाजा हुआ करता था जिसे हटा दिया गया है, लिहाजा वह हिस्सा खोखला है। इस पर, बचाव पक्ष के वकील तनवीर अहमद मीर ने कौल से कहा कि यदि दोनों कमरों के बीच कोई ईंट की दीवार थी जो प्लाईबोर्ड शीट से ढकी हुई थी तो गहरी नींद में सो रहे राजेश और नुपुर अपनी बेटी के कमरे से आ रही आवाज को कैसे सुन सकते थे। कौल ने इस बाबत स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जब उन्होंने कमरे का निरीक्षण किया तो उन्हें संदेह हुआ कि कोई एक हिस्सा है जो खोखला है।
First Published: Friday, April 19, 2013, 00:15