Last Updated: Tuesday, November 15, 2011, 09:01
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी जयपुर : भंवरी देवी के भंवर में फंसी गहलोत सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। मंगलवार दोपहर सरकार के सभी मंत्रियों ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंप दिया। गहलोत अब नए सिरे से मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करेंगे।
मंत्रिमंडल का इस्तीफा लेने के बाद गहलोत पूर्व मंत्री मदेरणा से अस्पताल जाकर मिले। जानकारी के अनुसार, हाईकमान से मिलने गहलोत दिल्ली भी जाएंगे।
मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने यह इस्तीफे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सौंपे। संसदीय कार्य मंत्री शान्ति धारीवाल ने मंत्रिपरिषद की करीब तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत जल्द अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे।
गहलोत मंत्रिमंडल में मौजूदा समय में 11 केबिनेट, तीन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 10 राज्य मंत्री हैं। गहलोत मंत्रिमंडल के सदस्य अमीन खान को राष्ट्रपति पर कथित टिप्पणी के कारण अपने पद से इस्तीफा देना पडा था, जबकि केबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा को लापता नर्स भंवरी देवी प्रकरण में आरोपी होने और सीबीआई की जांच का सामना करने के कारण मंत्री पद खोना पड़ा।
खान, पर्यावरण और वन राज्य मंत्री राम लाल जाट ने निजी चरित्र पर एक अखबार में समाचार प्रकाशित होने के बाद शनिवार को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंप दिया। मुख्यमंत्री ने जाट का इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल खादी एवं ग्रामाद्योग राज्य मंत्री गोलमा देवी अलग-अलग कारणों से तीन बार अपने पद से इस्तीफा दे चुकी हैं, लेकिन उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया। गोलमा देवी दौसा से निर्दलीय सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी हैं।
भंवरी प्रकरण में केबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद राजस्थान मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावनाएं बढ़ गई थीं। पिछले दिनों खान राज्य मंत्री राम लाल जाट के चरित्र को लेकर उठे विवाद के बाद इस्तीफा देने से मंत्रिमंडल में फेरबदल तय हो गया था। इस दौरान गहलोत के दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी से मिलने के बाद राजनीतिक हलचल अचानक तेज हो गई थी।
First Published: Thursday, November 17, 2011, 16:57