Last Updated: Monday, December 26, 2011, 10:23
अहमदाबाद : गुजरात में एक दो नहीं बल्कि 254 गांवों ने महिला सशक्तिकरण की एक नई इबारत लिखी है। इन गांवों में शासन की बागडोर पूरी तरह महिलाओं के हाथ में है। यहां पंचायतों की सभी प्रतिनिधि महिलाएं हैं और कुछ पंचायतों को तो कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियां चला रही हैं।
एक योजना के तहत प्रदेश सरकार पांच हजार से कम आबादी वाले पूर्ण महिला पंचायत गांवों को तीन लाख और पांच हजार से अधिक की ऐसी ही पंचायतों केा पांच लाख रूपये का पुरस्कार देती है । इन पंचायतों में सरपंच समेत सभी प्रतिनिधि महिलाएं हैं जिन्हें राज्य सरकार की ‘समरस’ योजना के तहत निर्विरोध चुना गया है। पिछले चुनाव में ऐसी पंचायतों की संख्या 20 थी लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 254 हो गया है। उप ग्रामीण विकास आयुक्त एम एस व्यास ने यह जानकारी दी।
इस राज्य में 10,405 गांवों के लिए पंचायत चुनाव 29 दिसंबर को होंगे लेकिन 2147 गांवों में पंचायत सदस्यों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। इन गांवों ने समरस येाजना अपनायी है और इन 2147 गांवों में से 254 में पंचायतों में सौ फीसदी महिला प्रतिनिधि हैं।
समरस योजना का मकसद गांवों को चुनावी राजनीति के नाम पर आपसी दुश्मनी से बचाना है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 26, 2011, 17:55