गुजरात दंगा: जाकिया की अर्जी पर गौर से इनकार

गुजरात दंगा: जाकिया की अर्जी पर गौर से इनकार

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने गुजरात के गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी दंगा प्रकरण से सबंधित दस्तावेज पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी को मुहैया कराने का निर्देश विशेष जांच दल को देने से सोमवार को इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति डीके जैन और न्यायमूर्ति मदन बील लोकूर की खंडपीठ ने इस मसले पर गौर करने से इंकार करते हुए कहा कि इस प्रकरण में इससे पहले का आदेश बड़ी पीठ ने दिया था। न्यायालय ने इस मामले को उस तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया, जिसने 12 सितंबर, 2011 जाफरी को दस्तावेज मुहैया कराने से संबंधित आदेश दिया था।

न्यायाधीशों ने कहा कि उनके लिए इस मामले में कोई आदेश देना उचित नहीं होगा और वैसे भी नैतिकता का तकाजा है कि यह प्रकरण उसी खंडपीठ के समक्ष पेश किया जाये जिसने पहले आदेश दिया था।

शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने 12 सितंबर, 2011 को विशेष जांच दल को आदेश दिया था कि गुलबर्ग सोसायटी कांड की अंतिम रिपोर्ट स्थानीय अदालत को सौंपी जाए। केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व निदेशक आर के राघवन की अध्यक्षता वाले इस जांच दल ने गुजरात दंगों के गुलबर्ग सोसायटी सहित कई मामलों की जांच की थी। गुलबर्ग हाउसिंग सोसयटी में हुयी सांप्रदायिक हिंसा में ही कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 69 व्यक्ति मारे गए थे।

अहमदाबाद की एक अदालत ने 27 नवंबर को विशेष जांच दल द्वारा 13 मार्च को मामला बंद करने के लिए पेश रिपोर्ट स्वीकार कर ली थी। जाकिया जाफरी ने जांच दल के दस्तावेज उपलब्ध कराने से इंकार करने के निचली अदलात के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। जाकिया जाफरी मामला बंद करने की जांच दल की रिपोर्ट के खिलाफ आपत्ति याचिका दायर करना चाहती हैं। (एजेंसी)

First Published: Monday, December 10, 2012, 16:37

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