Last Updated: Thursday, December 22, 2011, 13:36

अहमदाबाद : गुजरात हाईकोर्ट में गुरुवार को प्रदेश सरकार ने कहा कि नानावटी आयोग ने संकेत दिया है कि वह गोधरा कांड के बाद वर्ष 2002 में भड़के दंगों की जांच के संबंध में अपनी अंतिम रिपोर्ट मार्च 2012 तक सौंप सकता है। सरकारी वकील पी के जानी ने आयोग द्वारा सरकार को लिखित पत्र का जिक्र करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की खंडपीठ के समक्ष यह बात कही।
पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई की जिसमें यह जानकारी मांगी गयी है कि दो सदस्यीय आयोग की मौजूदा स्थिति क्या है और वह अपनी अंतिम रिपोर्ट कब तक सौंप सकता है। अदालत ने पिछले हफ्ते सरकार से कहा था कि आयोग से यह पता लगाया जाए कि क्या उसका विस्तार हुआ है और वह अपनी रिपोर्ट कब जमा करेगा।
सरकार ने अपने जवाब में न्यायिक आयोग द्वारा लिखित पत्र पेश किया जिसमें कहा गया है कि वह अपने कार्यकाल की विस्तारित अवधि के समाप्त होने तक रिपोर्ट जमा कर सकता है। उसका बढ़ा हुआ कार्यकाल 31 मार्च 2012 को समाप्त हो रहा है। जानी ने अदालत को 20 दिसंबर को यह भी सूचित किया था कि सरकार द्वारा नियुक्त आयोग का कार्यकाल 17वीं बार बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया गया है जो 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।
आयोग और सरकार की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि वे 31 मार्च तक इंतजार करेंगे और तब तक यदि कोई रिपोर्ट जमा नहीं की गयी तो मामले पर उचित आदेश के लिए उसे अप्रैल के प्रथम सप्ताह में लिया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 23, 2011, 00:16