Last Updated: Tuesday, July 23, 2013, 20:13

नई दिल्ली : बोधगया में श्रृंख्लाबद्ध विस्फोटों की जांच कर रहे जांचकर्ताओं ने पाया है कि विस्फोट करने में इस्तेमाल हुए टाइमर गुवाहाटी में किसी दुकान से खरीदे गये और इनका निर्माण गुजरात में हुआ था।
सूत्रों ने बताया कि गया के महाबोधि मंदिर में सात जुलाई को हुए विस्फोटों की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के जांचकर्ताओं ने पाया है कि जो बम नहीं फटे, उनके साथ लगी घडियां (टाइमर) लोटस कंपनी की थीं और उनका निर्माण गुजरात के राजकोट में किया गया था।
जानकारी लगी है कि घडियों की पूरी खेप गुवाहाटी भेजी गयी थीं लेकिन किसी खरीदार ने एक दुकान से केवल कुछ ही घडियां खरीदीं।
सूत्रों ने हालांकि कहा कि घटना में स्थानीय तत्वों के शामिल होने से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि विस्फोट में इस्तेमाल सिलिण्डर संभवत: बिहार में स्थानीय स्तर पर ही खरीदे गये थे।
सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ताओं को पर्याप्त संकेत मिले हंस कि विस्फोट को अंजाम देने में मंगोलियाई नैन नक्श वाले लोग शामिल हो सकते हैं। हमले में म्यामां के रोहिन्गिया मुस्लिमों के शामिल होने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
खबरें हैं कि ये विस्फोट म्यामां में रखीन प्रांत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई कथित हिंसा की प्रतिक्रियास्वरूप किये गये। उन बम विस्फोटों में दो भिक्षु घायल हो गये थे। दस बम फटे थे जबकि तीन नहीं फटे।
महाबोधि मंदिर और बोधि वृक्ष को विस्फोटों में कोई नुकसान नहीं पहुंचा। दुनिया भर के बौद्ध तीर्थयात्री गया दर्शन के लिए आते हैं। इनमें से अधिकांश श्रीलंका, म्यामां, चीन, जापान और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के होते हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 23, 2013, 20:01