Last Updated: Monday, July 16, 2012, 19:46
नई दिल्ली : गुवाहाटी में एक लड़की से सरेआम छेड़छाड़ मामले की जांच करके लौटी राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने इस पूरे प्रकरण में पुलिस के ‘उदासीन और संदिग्ध’ रवैये पर सवाल उठाये हैं। आयोग की टीम का कहना है कि कई बार फोन करके बुलाये जाने पर भी पुलिस क्षेत्राधिकार को लेकर उलझी रही और लगभग आधे घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची। जिस जगह लड़की को प्रताड़ित किया गया वहां से एक किलोमीटर के दायरे में दो पुलिस थाने आते हैं।
जांच दल ने शनिवार को पीड़ित लड़की, पुलिस और अन्य संबंधित लोगों के बयान दर्ज किये थे और घटनास्थल का दौरा किया था। इस टीम में आयोग की सदस्य वानसुक सीएम, सामाजिक कार्यकर्ता अल्का लांबा और असम राज्य महिला आयोग की एक सदस्य शामिल थे। इस टीम के आज यहां रिपोर्ट पेश करने की संभावना थी लेकिन अभी पूरी रिपोर्ट तैयार नहीं होने से अब इसे कल आयोग को सौंपा जा सकता है। जांच दल की सदस्य अल्का लांबा ने बताया कि आरोपी लड़के पीड़ित लड़की के साथ सार्वजनिक स्थल पर छेड़छाड़ करते रहे लेकिन फोन किये जाने के बावजूद पुलिस आधे घंटे बाद वहां पहुंची।
अल्का ने कहा कि जांच दल को बताया गया है कि दो पुलिस थाने अपने क्षेत्राधिकार को लेकर आपस में उलझे रहे इसलिए पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में देर हुई। हालांकि अल्का ने इस मामले पर बहुत ज्यादा कुछ भी बोलने से इंकार किया क्योंकि अभी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जांच दल अपनी रिपोर्ट आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा को सौंपेगा जिसके बाद आयोग अपने सुझाव भी इसमें शामिल करेगा।
माना जा रहा है कि जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार से इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में करने और पीड़ित लड़की को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की सिफारिश की है। मीडिया में इस घटना का वीडियो आने के बाद आयोग ने एक जांच दल गठित करके उसे गुवाहाटी भेजा था और इस दौरे की समाप्ति पर दल की सदस्य अल्का लांबा ने कहा था कि पीड़ित लड़की के शरीर पर सिगरेट से जलाये जाने के भी निशान हैं।
उधर, इस मुद्दे पर असम विधानसभा में अध्यक्ष द्वारा कार्यस्थगन प्रस्ताव को नामंजूर किए जाने के बाद एआईयूडीएफ, असम गण परिषद तथा भाजपा के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 16, 2012, 19:46