Last Updated: Friday, April 26, 2013, 23:12
नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले वर्ष 16 दिसम्बर को चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म एवं बर्बरता की शिकार युवती की मौत चिकित्सकीय लापरवाही के कारण भारत में ही हो चुकी थी और जनाक्रोश और दूसरे दबावों के चलते युवती के शव को सिंगापुर स्थानांतरित किया गया। यह दावा एक आरोपी के वकील ने किया है। मामले में आरोपी विनय शर्मा के वकील ने अभियोजन पक्ष के गवाह से जिरह के दौरान मामले की सुनवाई कर रही त्वरित अदालत के समक्ष कहा कि युवती का उपचार कर रहे चिकित्सकों की लापरवाही के कारण युवती की मृत्यु भारत में ही हो चुकी थी। दुष्कर्म की शिकार 23 वर्षीय युवती का प्रारम्भिक उपचार सफदरजंग अस्पताल में हुआ और उसके उपचार में लगे चिकित्सकों के दल के दो चिकित्सकों से शुक्रवार को आरोपी शर्मा के वकील जिरह कर रहे थे।
चिकित्सकों ने हालांकि वकील के दावे का खंडन किया और कहा कि पीड़िता को श्रेष्ठ उपचार प्रदान करने के लिए सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल स्थानांतरित किया गया था।
दोनों चिकित्सकों में से एक ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश से कहा कि यह कहना गलत होगा कि चिकित्सकों के दल की कथित लापरवाही के कारण पीड़िता की मृत्यु भारत में ही हो चुकी थी। यह कहना भी गलत होगा कि जनाक्रोश और अन्य दबावों के कारण पीड़िता के शव को भारत से बाहर स्थानांतरित किया गया।
मामले में अन्य दो आरोपियों पवन और अक्षय ठाकुर की तरफ से अदालत के समक्ष प्रस्तुत हुए वकील ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़िता को अंग प्रत्यारोपण या बेहतर उपचार प्रदान करने के लिए सिंगापुर स्थानांतरित नहीं किया गया था, बल्कि चूंकि पीड़िता की मौत भारत में ही हो चुकी थी और सरकार यह जनता को नहीं बताना चाहती थी।
अभियोजन पक्ष के गवाहों में दोनों चिकित्सकों में से दूसरे चिकित्सक ने कहा कि चूंकि पीड़िता की हालत गम्भीर थी इसलिए उसे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया ताकि पीड़िता की गंभीर हो रही तबीयत पर काबू पाया जा सके और बाद में अंग प्रत्यारोपण किया जा सके।
इस बीच दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपी विनय द्वारा निर्दोष सिद्ध करने के लिए लाइ डिटेक्टर परीक्षण करवाने की मांग के लिए दाखिल याचिका पर वह अपना जवाब सोमवार तक प्रस्तुत करेगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 26, 2013, 23:12